वाराणसी (काशीवार्ता)। भले ही आंधी-तूफान थम गया हो, विभाग स्थिति पर कंट्रोल करने का दावा कर रहा हो, लेकिन सच्चाई यह है कि कई दिन बीत जाने के बाद भी विद्युत सप्लाई ठीक नहीं हो सकी। दो से तीन घंटे तक सप्लाई बाधित होने का क्रम आज भी जारी है। विशेष रुप से सिगरा क्षेत्र में यह समस्या रह-रहकर पैदा हो रही है। विभाग इस समस्या को प्राकृतिक आपदा से जोड़कर देख रहा है। शहर में विद्युत आपूर्ति बाधित होने के प्रश्न पर विद्युत वितरण मंडल द्वितीय के अधीक्षण अभियंता द्वितीय विजय पाल ने काशीवार्ता को बताया कि सिगरा क्षेत्र में अचानक एक पेड़ की डाल तार पर गिर गयी थी, जिसके लिए विद्युत आपूर्ति को रोककर लाइन पर पेड़ की डाल हटाने का काम करना पड़ा था। उनका कहना था कि चौकाघाट क्षेत्र में केबुल फाल्ट होने की वजह से वहां भी विद्युत आपूर्ति बाधित हुई थी। जिसे अब ठीक कर दिया गया है। उनका कहना था कि प्राकृतिक आपदा के चलते कई जगह खंभे उखड़ने व तार टूटने के कारण विद्युत सप्लाई रोकनी पड़ जाती हैं। वैसे अब हालात काफी कंट्रोल में है। वहीं दूसरी ओर शहर के भेलूपुर, लंका, सामनेघाट सहित कई क्षेत्रों में बिजली की आंख-मिचौली आज भी जारी है। कई जगहों पर विद्युत उपकरणों के जलने की भी खबर आती रही। विभाग द्वारा उन्हें बदलने की कार्रवाई की बात भी कहता रहता है, लेकिन मौके पर कितनी कार्रवाई होती है। यह तो समस्या झेलने वाले स्थानीय नागरिक ही बता पायेंगे। इन सबमें खास बात यह है कि प्रदेश के ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा आये दिन विडियो कांफ्रेंसिंग कर अपने अधीनस्थ अधिकारियों की चूड़ी कसने का प्रयास करते नजर आते हैं, लेकिन आंकड़ों के बाजीगर उन्हें भी स्थिति कंट्रोल की बात समझा देते हैं। जो भी हो इस बढ़ती गर्मी में लॉकडाउन के बीच घरों में कैद बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे विद्युत सप्लाई बाधित होने पर ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। जरुरत है व्यवस्था को और व्यवस्थित कर मजबूत बनाने पर जोर दिया जाये। आंकड़ों का खेल पहले भी चलता था और आगे भी चलता रहेगा।