वाराणसी (काशीवार्ता)। लखनऊ कचहरी में हुए गोलीकांड को लेकर यूपी बार कौंसिल के पूर्व चेयरमैन व वर्तमान सदस्य हरिशंकर सिंह ने घटना की कड़े शब्दों की निंदा की है। साथ ही वाराणसी कचहरी की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने की यूपी सरकार से मांग की है। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश के न्यायलय भी पूरी तरह असुरक्षित हो चुके हैं। हत्या किसकी हुई? महत्वपूर्ण यह नहीं है। हत्या कैसे हुई यह बहुत महत्वपूर्ण व गंभीर मामला है । उत्तर प्रदेश में कानून का राज खत्म हो चुका है। वकीलों के वेषभूषा में घुसकर कचहरी में हत्याएं हो रही हैं। पुलिस कस्टडी में हत्याएं हो रही हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है। कचहरी में अधिवक्ता समाज अपने आप को बिल्कुल असुरक्षित महसूस कर रहा है। ऐसे असुरक्षित माहौल में न्यायिक कार्य करना अधिवक्ताओं के लिए मुश्किल हो रहा है। हरिशंकर सिंह ने कहा कि वाराणसी कचहरी बेहद संवेदनशील है। इस कचहरी में पहले भी कई हत्याएं हो चुकी हैं, बम विस्फोट भी हो चुके हैं। इसलिए वाराणसी कोर्ट परिसर की सुरक्षा बेहद जरूरी है। इसके लिए आवश्यक है कि कोर्ट परिसर की सुरक्षा को पुख्ता किया जाय। इसके लिये माडर्न टेक्नोलॉजी की मदद ली जाय। जो अधिवक्तागण वाराणसी में कार्य करते हैं उनका थंब इंप्रेशन डाटा एकत्र कर थंब इंप्रेशन की मशीन वाराणसी कचहरी के गेट पर लगाई जाए। जिसमें सभी अधिवक्तागण अपना थंब लगाते हुए कचहरी में एंट्री करें। उन्होंने कहा कि वादकारियों के लिए एक अलग पास काउंटर बनाया जाए। वादकारियों संबंधित अधिवक्ता गणों से पूछने और उनका आधार कार्ड लेने के बाद उन्हें पास जारी किया जाय। तभी वादकारियों की एंट्री कचहरी में की जाए।
आईकार्ड चेक होने के बाद ही प्रवेश
बनारस बार के महामंत्री प्रदीप राय ने काशीवार्ता को बताया कि लखनऊ की घटना के बाद बनारस में अदालत के गेट पर पुलिस द्वारा आईकार्ड चेक किया जा रहा है। यह व्यवस्था बार से सलाह मशविरे के बाद शुरू की गई है। ज्यादातर वकील इसमें सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बनारस बार द्वारा फर्जी वकीलों की धरपकड़ का एक अभियान चलाया जा रहा है। अब तक करीब 17 फर्जी वकीलों को पकड़ कर परिसर से बाहर किया जा चुका है। इसके अलावा दो वकील के खिलाफ एफआईआर भी कराई गई है। उन्होंने कहा कि नकली वकीलों के चलते असली वकीलों की छवि धूमिल होती है।