चराचर जगत को बचाने के लिए करना होगा काम-योगी


वाराणसी (काशीवार्ता)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन में आयोजित तीन दिवसीय संगोष्ठी, सुफलाम के दूसरे दिन यहां पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वतंत्रता के 100 वर्ष पर मनाएं जा रहे अमृत महोत्सव में हासिल की गयी उपलब्धियों को जहां गिनाया वहीं पर्यावरण पर विश्व के देशों द्वारा अपनायी जा रही दोहरी नीति की भी जमकर आलोचना की। कहा कि कोरोना काल में जहां दुनिया इस बीमारी से स्तब्ध व निसहाय थी वहीं भारत ने अपने 140 करोड़ जनता के लिए कार्य करते हुए उनकी जान बचाने का काम किया। कहा चीन की वैक्सीन फेल हो गयी लेकिन भारत की 2 महत्वपूर्ण वैक्सीन ने करोडों लोगों की जान बचाने का काम किया। कहा कि दो सौ वर्षों तक ब्रिटेन ने हमपर राज किया लेकिन आज अर्थव्यस्था के मामले में भारत ने उसे पछाड कर दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का काम किया है। नवंबर से इस वर्ष दिसंबर तक जी-20 देशों का नेतृत्व करने का गौरव भारत को प्राप्त हुआ है। इन देशों की आबादी विश्व की कुल आबादी के 60 प्रतिशत के बराबर है। इन देशों के लिए नीति बनाने का काम भारत करेगा। जी-20 के कुछ सम्मेलन काशी में भी होंगे। जिसमें उन देशों के प्रतिनिधि यहां आयेंगे। यह समय है कि हम उन देशों के प्रतिनिधियों के सम्मुख अपनी कला, संस्कृति व विरासत को प्रस्तुत कर विश्व में अपनी पहचान को मजबूती प्रदान करेंगे। सीएम योगी ने मां गंगा की स्वच्छता का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि एक समय था जब गंगा में प्रैक्टिस करने पर शरीर में फफोले पड़ जाते थे लेकिन आज गोमुख से लेकर उत्तर प्रदेश होते हुए बंगाल तक गंगा आज साफ ही नहीं हुई बल्कि आचमन के योग्य भी हो चुकी है। कहा कि डबल इंजन की सरकार काम करती है तो विकास के रास्ते भी खुलते है और सुखद परिणाम स्वत: आने लगते है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हमें पूरी ईमानदारी के साथ चराचर जगत के लिए काम करना होगा। धरती हमारी मां है और हम सब उनके पुत्र है, एक पुत्र की भांति जो कर्तव्य बनता है उसे पूरा करने के लिए हमसभी को तत्पर रहना होगा। कार्यक्रम में आरएसएस के सरकार्यवाह भैय्या जी जोशी, कृषिमंत्री उत्तर प्रदेश सूर्य प्रताप शाही, जलशक्तिमंत्री स्वतंत्रत देव सिंह भी उपस्थित रहे।