वाराणसी। जिम्मेदारों की लापरवाही से कोरोना के संक्रमण की रफ्तार भयावह हो गई है। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के साथ ही शहर भर में उमड़ रही भीड़ के अलावा अलग-अलग आयोजनों में लोग इस कदर लापरवाही बरतते नजर आए कि शनिवार की शाम कोविड पॉजिटिव की संख्या जिले में 1011 हो गई। गंभीर बात यह है कि इन संक्रमितों में से 77 ओमिक्रॉन वैरिएंट के शिकार हुए हैं।
बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञों का कहना है कि अभी स्थिति और भी भयावह होने के आसार हैं। सार्वजनिक स्थान पर लोग बगैर मास्क के विचरण कर रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का नियम पालन करने की बात ही कौन कहे। इन्हें किसी ने रोकने या टोकने की जरूरत भी नहीं समझी। बता दें कि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर 2021 को किया था। इसके बाद से ही यहां देश भर के लोगों की आवाजाही शुरू हुई थी। लेकिन, 25 दिसंबर से शहर में बाहर से आने वाली भीड़ में जबरदस्त इजाफा हुआ। इस बीच 27 से 29 दिसंबर तक काशी फिल्म महोत्सव का आयोजन भी हुआ। 1 जनवरी को तो सारे कीर्तिमान ही ध्वस्त हो गए और 5 लाख लोग श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में हाजिरी लगाने पहुंचे। 1 जनवरी को ही विश्वनाथ धाम में 1000 से ज्यादा लोगों को जुटा कर शंख बजाने का कीर्तिमान भी बनाया गया। इसके बाद भी धाम में श्रद्धालुओं की आवाजाही में कमी नहीं आई और चंद दिनों में ही कोरोना संक्रमितों की संख्या भी 1000 के पार हो गई। ऐसे में यह स्पष्ट रूप से माना जा सकता है कि यदि प्रशासन और शासन के स्तर से भीड़ पर लगाम गई होती तो संक्रमण की स्थिति इतनी अनियंत्रित न होती। वाराणसी में कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण के बीच भी मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को लेकर लोग गंभीर नहीं हैं। गंगा घाटों से लेकर बाजारों तक उमड़ रहे हुजूम को लेकर पुलिस और प्रशासन के स्तर से भी सख्ती नहीं बरती जा रही है। सिर्फ रात 10 बजने के बाद ही पुलिस दुकानें बंद कराने के लिए सख्ती के साथ पेश आती है और फिर सुबह होते ही सब सामान्य हो जाता है।
लोगों की लापरवाही और उस पर भी पुलिस-प्रशासन की अनदेखी के चलते अभी कोरोना का संक्रमण और कितना बढ़ेगा, इसका अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है। डॉक्टरों का अनुमान है कि वाराणसी में कोरोना से संक्रमित होने वालों में 80% मरीजों में ओमिक्रॉन वैरिएंट मिल रहा है। शनिवार को देर रात तक हुए जीनोम सिक्वेंसिंग के दौरान 96 कोविड सैंपल में से 77 में यह वैरिएंट पाया गया। यह कुल मामलों का 80.20% है। ऐसे में अब इस बात से गुरेज नहीं कि वाराणसी में कोरोना का खतरा कई गुना तेजी से बढ़ रहा है। इसके बाद भी डॉक्टरों की अपील है कि इसे लेकर बहुत एंजायटी या नर्वस नहीं होना है। हम संक्रमित होने के बाद भी बचाव करते रहे। यह सबसे तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है और रोगियों और वृद्धों पर किस तरह से असर करेगा इस पर अभी कोई स्टडी नहीं हुई है। युवाओं को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है।
25 फीसदी लोगों में ही मिल रहे लक्षण
कई जिलों में ओमिक्रॉन ने दस्तक दे दी है। बीती रात वाराणसी में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। शनिवार की देर रात कुल 77 लोगों में ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई है। बीएचयू के एमआरयू लैब में 96 सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग में आए परिणामों में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। शनिवार को शहर में कोरोना के 390 नए मरीज सामने आए हैं। अब शहर में कोरोना के एक्टिव केस 1011 हैं। शनिवार को बच्चे भी संक्रमित मिले हैं, जिनमें 1-14 साल तक के बच्चे शामिल हैं। इसमें 1 साल के 3 बच्चे भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। बीएचयू कैंपस के प्रोफेसर, डॉक्टर, छात्र, कर्मचारी, खिलाड़ी आदि संक्रमित हैं। संक्रमित लोगों में 60% पुरुष हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जितने भी मरीज मिल रहे हैं उनमें से केवल 25% लोगों में ही कोरोना के लक्षण (सर्दी, खांसी व बुखार) मिल रहे हैं। बाकी लोगों में कोई लक्षण नहीं हैं। शनिवार को बीएचयू कैंपस के अलावा बीएलडब्लू कैंपस, चौकाघाट, लहरतारा, सुंदरपुर, सारनाथ, छइर हॉस्पिटल रामनगर, पुलिस लाइन, खोजवां, शिवपुर, पहड़िया, जियापुर, महमूरगंज, पांडेयपुर, कमिश्नर आवास, सोनातालाब, सेनपुरा, बजरडीहा, दुगार्कुंड, अशोक विहार, भगवानपुर, छित्तूपुर, सिगरा, रथयात्रा, पांडेयपुर, चितईपुर, कैंट, महमूरगंज, रविंद्रपुरी, नदेसर, लंका, रामनगर, नीचीबाग, सिगरा, सामनेघाट, जवाहर नगर, गोविंदपुर आदि इलाकों से हजारों लोग संक्रमित मिले हैं। शनिवार को वाराणसी में कुल 6,404 लोगों की कोविड जांच रिपोर्ट आई, जिसमें 390 पॉजिटिव मिले हैं। वहीं, अभी 3,759 लोगों की जांच रिपोर्ट आनी बाकी है।
5 मरीजों का चल रहा इलाज
बताया जा रहा है कि वाराणसी के सरकारी अस्पतालों में अभी कोविड के 5 मरीज ही भर्ती हैं। अभी तक आॅक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ी है। मरीज गम्भीर रूप से बीमार नहीं हैं। वाराणसी के दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में 4 और 1 मरीज बीएचयू में भर्ती हैं। भर्ती मरीजों में वाराणसी के 3 पुरुष, 1 केरला की महिला और एक महीने का बच्चा भी है।