दो गुरुओं के बीच फंसा दक्षिणी का टिकट


(संजय उपाध्याय)
वाराणसी(काशीवार्ता)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार सभी दलों का फोकस ब्राह्मण मतदाताओं पर है। सभी दल ब्राह्मणों को लुभाने के लिए विभिन्न हथकंडे अपना रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में भी तमाम दलों की मंशा मजबूत ब्राह्मण प्रत्याशी देने की है। शहर दक्षिणी में तो सत्तारूढ़ भाजपा से लगाया सपा-बसपा व कांग्रेस की विशेष जनाधार वाले ब्राह्मण प्रत्याशी की खोज लगातार जारी है।

दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र में ‘गुरु’ उपनाम की पहचान रखने वाले दो दावेदार तो स्वयं को टिकट मिलने का दंभ भरते हुए विगत कई माह से सघन जनसंपर्क में लगे हैं। इनमें किशन गुरु (दीक्षित) एवं दूसरे किशमिश गुरु।

किशन गुरु महामृत्युंजय मंदिर के महंत परिवार से जुड़े हैं। इनके घर गमी पड़ने पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव स्वयं स्वरांजलि अर्पित करने सामने पहुंचे थे। पार्टी के गुपचुप सर्वे में किशन दीक्षित का नाम भी आ रहा है। छात्रसंघ से राजनीति में प्रवेश करने वाले किशन के पास छात्रों का समर्थन है। वही संभ्रांत ब्राह्मण परिवार में जन्मे किशमिश गुरु दक्षिणी क्षेत्र में खासा पहचान रखते हैं। व्यापारी वर्ग के साथ ही समूचे क्षेत्र में नौजवानों, यादवों, मुस्लिमों के साथ ही ब्राह्मणों में उनकी गहरी पैठ है। दोनों गुरुओं की सर्वे रिपोर्ट सपा अध्यक्ष के पास विचाराधीन है। उधर, यदि पार्टी मुस्लिम कार्ड खेलती है तो स्थानीय मुस्लिम नेता अशफाक डब्लू सबसे मजबूत दावेदार साबित हो सकते हैं।