वाराणसी (काशीवार्ता)। लोकसभा चुनाव को एक वर्ष से भी कम समय रह गए है लेकिन उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी पार्टी सपा अभी भी सक्रियता से कोसों दूर नजर आ रही है। पार्टी हाल फिलहाल में कोई ऐसा आंदोलन भी नही खड़ा कर पाई है जिससे जनता से सीधे उसका जुड़ाव हो, जबकि सत्ता धारी पार्टी के जनप्रतिनिधि व नेता लगातार चुनावी मोड में दौरे कर अपनी उपलब्धियों को जनता के सामने रख रहे है। पीएम के संसदीय सीट पर तो खुद लगभग हर हफ्ते सीएम योगी आदित्यनाथ दौरा कर रहे है।
माना जाता है कि सपा कार्यकर्ता बेस पार्टी है। मुलायम सिंह यादव के जमाने से पार्टी में कार्यकर्ताओं की कद्र होती रही है। छोटे से छोटे कार्यकर्ता की मुसीबत में वे खुद पहुँच जाया करते रहे। लगातार दो बार से पार्टी प्रदेश में सत्ता से बाहर है, इससे भी कार्यकर्ताओ के मनोबल में गिरावट आना स्वाभाविक है। इन सबके बीच पार्टी के कुछ ऐसे समर्पित कार्यकर्ता भी है जो आज भी पार्टी को अपनी माँ समझते है। तन मन व धन से पार्टी के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहते है। कोरोना काल मे ऐसे कई कार्यकर्ता रहे जो अपने धन से अनाज से लेकर तमाम जरूरी वस्तुएं जनता के बीच जान हथेली पर रखकर बांट रहे थे। मालूम हो कि पिछले कई दिनों से शिवपुर विधानसभा के अध्यक्ष संजय यादव चाचू गंभीर बीमारी से ग्रसित होकर अस्पताल में है जिन्हें देखने के लिये प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल खुद अस्पताल पहुँचे जबकि उनके प्रोटोकॉल मे अस्पताल जाने का कोई कार्यक्रम नही था। यहां आने पर उन्हें इस बात की जानकारी हुई और वे सीधे वहाँ पहुंचे। कार्यकर्ता का महत्व क्या होता है ये अध्यक्ष ने अस्पताल पहुँच सभी को बता दिया। इससे पहले अस्पताल पहुँच कर पार्टी के बीमार सिपाही का मनोबल बढ़ाने का काम सिर्फ पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनोज राय धूपचंडी व अवनीश सिंह मुन्ना ने ही किया। इन नेताओं ने पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता की पूरी जिम्मेदारी निभाई जबकि इन्हें ऊपर से कोई संदेश नही आया था। फिर भी इन्होंने अपनी जिम्मेदार समझी और परिवार का सदस्य मान अस्पताल पहुँच पार्टी के अन्य नेताओं को आईना दिखाने का काम किया। प्रदेश अध्यक्ष के दौरे के बाद इस बात की चर्चा जोरों पर चल रही है। पार्टी नेतृत्व को इस बात को लेकर चिंतन करने की जरूरत है कि कार्यकर्ता उपेक्षा का शिकार होगा तो 24 की लड़ाई किसके बल पर जीतने की कोशिश होगी।