संयुक्त राष्ट्र। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा कि हम लगातार दोनों देशों से सभी शत्रुताओं को तत्काल समाप्त करने का आह्वान करते रहे है। हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर दोनों पक्षों के नेतृत्व से बात की और तत्काल युद्धविराम और दोनों पक्षों को बातचीत के रास्ते पर लौटने की आवश्यकता को दोहराया। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा कि रूस और यूक्रेन दोनों से बार-बार आग्रह करने के बावजूद, पूर्वी यूक्रेन के शहर सूमी में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए सुरक्षित गलियारा नहीं बन पाया है और वह इसे लेकर ‘‘बेहद चिंतित’’ है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थानीय प्रतिनिधि एवं राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि हमने भारतीयों सहित सभी नागरिकों के लिए सुरक्षित मार्ग की अपनी अति-आवश्यक मांग को दोहराया है। हम इस बात से बहुत चिंतित हैं कि दोनों पक्षों से बार-बार आग्रह करने के बावजूद सुमी में हमारे छात्रों के लिए एक सुरक्षित मार्ग नहीं बन पाया।
टीएस तिरुमूर्ति ने बताया कि हम यूक्रेन से 20,000 से अधिक भारतीयों की सुरक्षित वापसी को सुगम बनाने में सफल रहे हैं। हमने अन्य देशों के नागरिकों को उनके संबंधित देशों में लौटने में भी सहायता की है। हम आने वाले दिनों में ऐसा करने के लिए तैयार रहेंगे। उन्होंने कहा कि भारत पहले ही यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों को मानवीय सहायता भेज चुका है। इनमें दवाएं, टेंट, पानी के भंडारण टैंक, अन्य राहत सामग्री शामिल हैं। हम अन्य आवश्यकताओं की पहचान करने और उन्हें भेजने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में बिगड़ती स्थिति और आगामी मानवीय संकट पर हमें तत्काल ध्यान देना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार पिछले 11 दिनों में 15 लाख शरणार्थियों ने यूक्रेन के पड़ोसी देशों में शरण मांगी है।
टीएस तिरुमूर्ति ने बताया कि यूक्रेन में बिगड़ती स्थिति और आगामी मानवीय संकट पर हमें तत्काल ध्यान देना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार, पिछले ग्यारह दिनों में 15 लाख शरणार्थियों ने यूक्रेन के पड़ोसी देशों में शरण मांगी है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के अनुसार, अब तक 140 से अधिक नागरिक मारे जा चुके हैं, जिनमें एक युवा भारतीय छात्र भी शामिल है। भारत उनके निधन पर शोक व्यक्त करता है और हम उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। हम संघर्ष में प्रत्येक नागरिक के जीवन के नुकसान पर शोक व्यक्त करते हैं।