लखनऊ । कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से निपटने के लिए एक ओर शासन-प्रशासन की मुस्तैदी है तो दूसरी ओर इस संक्रमण काल में नियमों का उल्लंघन करने वालों से निपटने की चुनौती भी है। अपने साथ दूसरों की लिए भी खतरा बढ़ाने वालों पर कार्रवाई भी लगातार की जा रही है, लेकिन इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग नियमों को दरकिनार कर मनमर्जी कर रहे हैं। पूरे कोरोना काल में यूपी पुलिस ने अब तक 4.13 लाख से अधिक आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई की है। इनमें मास्क न लगाने के वालों से 80 करोड़ रुपये से अधिक जुर्माना वसूला गया है। पुलिस ने सभी मामलों में अब तक 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना वसूला है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना काल में पुलिस कार्रवाई पर नजर डालें तो यह तस्वीर खुद उभरकर सामने आती है। 23 मार्च, 2020 से अब तक पुलिस को कोविड-19 की गाइडलाइन का अनुपालन कराने के लिए काफी भागदौड़ भी करनी पड़ी है। इस दौरान नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ उनका उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई भी की गई।
उत्तर प्रदेश में पुलिस ने लॉकडाउन से लेकर कोरोना कर्फ्यू लागू किए जाने के दौरान नियमों का उल्लंघन करने वाले 4.13 लाख से अधिक आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई की है। इन पर 2.63 लाख से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए हैं। धारा 144 के उल्लंघन, आवश्यक वस्तु अधिनियम व अन्य धाराओं के तहत भी कार्रवाई की गई।
पुलिस ने पाबंदी के बावजूद बेवजह सड़कों पर वाहन दौड़ाने वालों से लेकर बिना मास्क पहने सार्वजनिक स्थानों पर घूमते मिले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की। 95 हजार से अधिक वाहनों को भी सीज किया। मास्क न लगाने के मामलों में 50.45 लाख से अधिक चालान कर आरोपितों से 80 करोड़ रुपये से अधिक जुर्माना भी वसूला गया।
सभी तरह की पाबंदियों के उल्लंघन के मामलों में एक अरब रुपये से अधिक जुर्माना वसूला गया है। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि लोगों को नियमों का पालन करने के लिए लगातार जागरूक भी किया जा रहा है।