हंगामे की वजह से संसद में पहले 3 दिन तक कोई कार्यवाही नहीं, अब लंबे वीकेंड पर गए MP


बजट सत्र का दूसरा चरण आठ मार्च से शुरु हुआ है, लेकिन इस सेशन के पहले तीन दिनों तक संसद के दोनों सदनों में हंगामा होता रहा. इस दौरान दोनों सदनों में कोई कामकाज नहीं हुआ है. अब दोनों सदनों के सांसद लंबे वीकेंड पर जा रहे हैं.

गुरुवार को महाशिवरात्रि की वजह से अवकाश का दिन है, जबकि शनिवार और रविवार पहले से छुट्टी है, अब सांसदों के सामने शुक्रवार की बाधा आ रही थी. इसलिए सांसदों ने मांग की थी कि शुक्रवार को भी छुट्टी दी जाए. बता दें कि शुक्रवार को संसद में निजी सदस्यों के बिलों का दिन रहता है, इस दिन संसद में सरकार के एजेंडे पर चर्चा नहीं होती है, इसलिए दोनों सदनों के अध्यक्षों ने संसद को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया.

बता दें कि इससे पहले कई दलों के सांसदों ने इच्छा जताई थी कि बजट सत्र की अवधि छोटी की जाए, ताकि उन्हें 4 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में चुनाव प्रचार के लिए समय मिल जाए.

तीन दिनों तक काम नहीं, अब लंबी छुट्टी

बता दें कि संसद में पिछले तीन दिनों से कोई काम नहीं हुआ है. इस बीच सांसद लंबी छु्ट्टी पर निकल गए हैं. संसद में ईंधन की बढ़ती कीमतें और किसानों के प्रदर्शन को लेकर विपक्ष संसद में लगातार हंगामा कर रहा है.

राज्यसभा में लगातार हंगामे पर सभापति वैंकेया नायडू ने नाराजगी जताई थी और कहा था कि अब हद हो गई है. उन्होंने संसद के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा था कि वे चर्चा चाहते हैं या व्यवधान.

राज्यसभा में विपक्ष का नया नेता

राज्यसभा में कांग्रेस ने मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना नया नेता नियुक्त किया है. खड़गे ने मांग की है कि सदन के सभी कामों को पहले सस्पेंड किया जाए और नियम 267 के अधीन तीन कृषि कानूनों पर चर्चा की जाए.

सभापति वैंकेया नायडू ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर बहस करने के लिए कई मौके हैं, लेकिन व्यवधान से समस्याएं हल नहीं होती है, चर्चा करने से होती है. उन्होंने कहा कि किसानों के मुद्दे पर बजट सत्र के पहले चरण में चर्चा हो चुकी है और सदन के नियम एक ही मुद्दे पर दो बार बहस की इजाजत नहीं देते हैं.

सदन में हंगामे की वजह से पिछले तीन दिनों में शून्य काल के दौरान लोक महत्व के 18 अहम मुद्दों पर चर्चा नहीं हो सकी.

लोकसभा में भी हंगामा

बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी. विपक्ष के सदस्य कई बार कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते रहे. स्पीकर ओम बिरला ने सदस्यों से अनुरोध किया कि प्रश्नकाल की कार्यवाही को चलने दिया जाए लेकिन विपक्ष के सदस्यों की ओर से नारेबाजी जारी रही. केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने लोकसभा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ पर संसद में संबोधन करना चाह रहे थे, लेकिन इसके बावजूद विपक्ष के सांसद चुप नहीं हुए.