वाराणसी:जगत के नाथ भगवान जगन्नाथ का जलाभिषेक बृहस्पतिवार को परंपरानुसार संपन्न हुआ। वाराणसी के अस्सी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में सादगी पूर्वक पुजारी परिवार ने ही स्नान व अभिषेक की परंपरा का निर्वहन किया। बृहस्पतिवार की सुबह भगवान जगन्नाथ, भईया बलभद्र और बहन सुभद्रा की काष्ठ प्रतिमाओं का विधिवत शृंगार किया गया। इसके बाद मंदिर के पुजारी ने गंगाजल से प्रभु को स्नान कराया।
मंगला आरती के बाद भगवान को मिष्ठान, फल-फूल अर्पित कर विधि विधान से पूजन अर्चन किया गया। मंदिर के पुजारी ने बताया कि भगवान अत्यधिक स्नान के कारण प्रतीक रूप से बीमार पड़ गए। अब भगवान एक पखवारे तक भक्तों को दर्शन नहीं देंगे। कोरोना महामारी के कारण मंदिर के कपाट पहले से ही बंद चल रहे हैं।
पुजारी परिवार द्वारा परंपरा निर्वहन के बाद प्रभु बीमार हो गए और पट फिर से बंद कर दिया गया है। शुक्रवार से प्रभु को काढ़े का भोग अर्पित किया जाएगा। स्वस्थ होने के बाद भगवान 10 जुलाई को फिर से दर्शन देंगे। कोरोना संकट के कारण मंदिर प्रबंधन ने हर आयोजन को स्थगित कर दिया है। काढ़े का प्रसाद भी इस बार वितरित नहीं होगा। मंदिर से भगवान जगन्नाथ की डोली यात्रा भी नहीं निकाली जाएगी।
सारी परंपरा मंदिर परिसर में ही निभाई जायेगी। मंदिर में होने वाले सभी आयोजनों में आम जनता का प्रवेश पूरी तरह से बंद है। तीन दिवसीय रथयात्रा मेला को स्थगित करने की घोषणा भी पहले ही हो चुकी है। बता दें कि पूरे भारत में सिर्फ वाराणसी में ही तीन दिन रथयात्रा महोत्सव मनाया जाता है। बीते साल वाराणसी में आयोजन नहीं होने से 218 साल पुरानी परंपरा टूट गई थी।