वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के फोटो-वीडियो लीक होने के बाद विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन और अधिवक्ता शिवम गौड़ ने नाराजगी जताई है। अधिवक्ता ने पूरे प्रकरण की
सीबीआई जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के दौरान 16 मई को जो लोग भी वहां मौजूद थे, उन सभी की कॉल डिटेल खंगाली जाए। प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच हो। इसके बाद वीडियो-फोटो सार्वजनिक करने वाले के खिलाफ साक्ष्य के आधार पर दंडात्मक कानूनी कार्रवाई की जाए। शिवम गौड़ ने बताया कि वह और जितेंद्र सिंह विसेन पुलिस-प्रशासन के आलाधिकारियों से मुलाकात करेंगे। मांग करेंगे कि ज्ञानवापी से संबंधित वीडियो-फोटो लीक करने वालों को चिह्नित कर उनके खिलाफ हर हाल में कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो। फोटो-वीडियो लीक करके देश का माहौल खराब करने और शांति व्यवस्था को भंग करने का प्रयास किया गया है। ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिली पत्थर की संरचना को लेकर एक पक्ष का दावा है कि यह शिवलिंग है। जबकि दूसरे पक्ष का कहना है कि यह पुराना और खराब पड़ा फव्वारा है।
अधिवक्ता शिवम गौड़ ने कहा कि मां शृंगार गौरी प्रकरण की मुख्य वादिनी राखी सिंह हैं। वह फिलहाल बनारस में नहीं हैं। ज्ञानवापी परिसर से संबंधित फोटो-वीडियो राखी सिंह ने अभी तक नहीं ली हैं। चार अन्य वादिनी सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक और लक्ष्मी देवी ने ही अदालत से वीडियो-फोटो की सीडी ली है। वीडियो-फोटो का लीक होना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि वह मुकदमे से संबंधित महत्वपूर्ण साक्ष्य हैं। अदालत ने भी कहा था कि सर्वे के वीडियो-फोटो पब्लिक डोमेन में नहीं आने चाहिए। इसलिए फोटो-वीडियो को लीक कर अदालत के आदेश की अवहेलना की गई है। उच्च स्तरीय जांच के बिना कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाएगा।