वाराणसी(काशीवार्ता)। संयुक्त परिवारों को बरकरार रख कर राष्ट्र निर्माण पर मंथन को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने काशी में अखिल भारतीय कुटुंब प्रबोधन का आयोजन किया है। इसमें देश भर में संघ के 45 प्रांतों के कुटुंब प्रबोधन संयोजक, सह सयोजक, क्षेत्र कुटुंब प्रबोधन संयोजक पत्नियों के साथ भाग ले रहे हैं। इनकी संख्या कुल 200 के करीब है। सभी को संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले और अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य भैय्या जी जोशी और कुटुंब प्रबोधन के अखिल भारतीय संयोजक रवींद्र जोशी का सानिध्य प्राप्त है। सभी ने रविवार को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार काशी के संत स्थलों का भ्रमण किया। सभी स्वयंसेवक रवींद्र जोशी के नेतृत्व में सुबह पांच बजे के करीब तुलसी घाट पहुंचे। घाट पर गोस्वामी तुलसीदास द्वारा स्थापित बाल हनुमान मंदिर में आरती की। वहां संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्र ने सभी का स्वागत किया। उन्होंने घाट का गोस्वामी तुलसीदास से जुड़ाव आदि से संबंध बताया। यहीं पर तुलसीदास ने रामचरित मानस का लेखन किया था। स्वयंसेवकों ने वहां स्थित अखाड़े को भी देखा। इसे तुलसीदास ने स्थापित किया था। बता दें कि राजा टोडरमल ने गोस्वामी तुलसीदास को आवास दिया था। उन लोगों ने वहां रखी मानस की हस्तलिखित पोथी, तुलसीदास की खड़ाऊं, चांदी की हनुमान प्रतिमा, उस नाव की लकड़ी जिससे तुलसीदास गंगा पार जाते थे, का भी अवलोकन किया। इसके बाद सभी रानी लक्ष्मीबाई के जन्मस्थान का दर्शन किए। इसके पूर्व सभी ने शनिवार की सुबह श्री काशी विश्वनाथ धाम में आदि शंकराचार्य, भारत माता, अहिल्याबाई की प्रतिमा का दर्शन किया था। धाम परिसर से ही मां गंगा का दर्शन किया था। इसके बाद सभी स्वयंसेवक वापस कुटुंब प्रबोधन कार्यक्रम स्थल मारवाड़ी युवक संघ सभागार में पहुंचे। सुबह की प्रार्थना से कार्यक्रम की शुरूआत हुई। महिलाओं ने रंगोली बनाई और कलश स्थापना की। आज वहां स्वामी विवेकानंद के जीवन संदेश पर लघु नाटिका की प्रस्तुति, तुलसीदास, कबीर, रविदास के दोहे की प्रस्तुति की योजना तय की गई है।