गाजीपुर (काशीवार्ता)। एक तरफ राज्य सरकार वृक्षारोपण करके ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को कम करने में जुटी हुई है। वहीं दूसरी ओर रौजा स्थित जलनिगम की कालोनी में अभियंताओं की मिलीभगत से लाखों के हरे पेड़ काट लिए गए। पेड़ों पर अभी भी रेती चल रही है। हरे पेड़ों की कटाई होने से पर्यावरण प्रेमियों में काफी रोष है। उनका कहना है कि इस मामले में जलनिगम के अभियंताओं के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। उधर मामले की जानकारी होने पर एडीएम अरूण कुमार सिंह ने एसडीएम सदर को मामले की जांच करने का निर्देश दिया है। बताया जा रहा है कि रौजा पर जलनिगम की कालोनी है। जिसमें दर्जनों की संख्या में जलनिगम के अधिकारी एवं कर्मचारी निवास करते हैं। यहां पर पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए दर्जनों की संख्या में छायादार वृक्ष लगे हुए हैं। जिसमें आम के भी वृक्ष बताए जा रहे हैं।
बीते दो दिनों से आम के दो वृक्षों की कटाई मजदूरों को लगाकर किया जा रहा है। इस मामले में कोई भी कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। साथ ही कर्मचारी सिर्फ आपस में यह चर्चा कर रहे हैं कि बड़े साहब के कहने पर ही पेड़ों की कटाई की जा रही है। लेकिन सच्चाई कुछ और है। विभाग के दो एई और जेई हैं जो पेड़ की कटाई करके मोटी रकम वसूल करना चाहते हैं। इसलिए पेड़ों की कटाई करवा रहे हैं। इस मामले में जलनिगम के एक्सईएन से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी। उधर एडीएम अरूण कुमार सिंह ने पहले इस पर हैरानी जताई। फिर कहा कि यह तो पूरी तरह से गलत है। हम लोग पौधरोपण पर जोर दे रहे हैं और यह लोग पेड़ों की कटाई करवा रहे हैं। इस मामले में अवश्य कार्रवाई की जाएगी।