निया भर में कोरोनावायरस महामारी का कहर जारी है. कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के मामले भारत समेत दुनियाभर में बढ़ते जा रहे हैं. पूरी दुनिया में कोविड वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) के निर्माण का काम काफी तेजी से चल रहा है. लेकिन जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक लोगों को मास्क (Mask) पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग रखने जैसे बचाव संबंधी उपाय अपनाने की लगातार सलाह दी जा रही है. जाहिर है कि वैक्सीन के आने तक संक्रमण से बचने का सबसे बड़ा हथियार मास्क ही है.
क्या मास्क से है गैस एक्सचेंज की समस्या
मास्क पूरी तरह से नाक और मुंह को ढक कर रखता है जिससे खतरनाक वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है लेकिन इसी के साथ कई लोगों के मन में यह भी एक संदेह पैदा हो गया कि सर्जिकल मास्क लगाने से गैस एक्सचेंज ना हो पाने की समस्या हो जाती है यानी कि सांस लेते समय वे दोबारा कार्बन डाइऑक्साइड अंदर ले लेते हैं और शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और इससे उनकी सेहत पर खराब असर पड़ता है. इसी बात को लेकर हाल ही में एक रिसर्च की गई है जिसमें यह बात सामने आई है कि फेस मास्क लगाने से कार्बन डाइऑक्साइड पॉइजनिंग का खतरा नहीं है.
COPD के मरीज भी पहन सकते हैं मास्क
अमेरिकन थोरेसिक सोसाइटी (American Thoracic Society) जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है जिससे यह साबित हो सके कि मास्क पहनने से लोगों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. मियामी हॉस्पिटल यूनिवर्सिटी के MD और इस अध्ययन के सह लेखक माइकल कैम्पोस (Michael Campos) ने बताया कि स्वस्थ व्यक्ति के साथ-साथ जो लोग फेफड़ों की बीमारी या COPD से पीड़ित हैं, उनके लिए भी मास्क नुकसानदेह नहीं है.
मास्क पहनने पर कब आती है समस्या
उन्होंने कहा कि COPD के मरीजों को सर्जिकल मास्क पहनने से सांस लेने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है और उन्हें थकावट भी महसूस हो सकती है, लेकिन मास्क के अंदर गैस एक्सचेंज ना हो पाने जैसी कोई समस्या नहीं है जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़े.
उन्होंने कहा यह थकान मास्क के अंदर हवा ना जा पाने से ज्यादा वेंटिलेशन की जरूरत होने या तेज गति से चलने या ज्यादा मोटा और टाइट मास्क लगाने से आती है. लेकिन यदि आप लोगों से सुरक्षित दूरी पर हैं तो आप अपने मास्क को ढीला कर सकते हैं या उस समय के लिए उसे चेहरे से हटा भी सकते हैं.
कोरोना से बचने के लिए मास्क है जरूरी
डॉ. कैम्पोस ने कोरोनावायरस संक्रमण से बचने के लिए फेस मास्क पहनने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि विशेष रूप से फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित मरीजों को संक्रमण से बचना चाहिए और इसके लिए उन्हें हैंडवाश और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ फेस मास्क का भी इस्तेमाल करना चाहिए जो उन्हें कोरोना संक्रमण से बचा सके. उन्होंने कहा कि यदि सर्जिकल मास्क उपलब्ध नहीं है तो कम से कम 2 लेयर वाला एक क्लॉथ मास्क का इस्तेमाल किया जा सकता है.
डॉ. कैम्पोस ने कहा कि कुछ लोगों ने मास्क पहनने को एक राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश की और लोगों में यह भ्रम फैलाने वाली टिप्पणियां कीं कि मास्क पहनने से जान जोखिम में पड़ सकती है लेकिन हमारी रिसर्च के मुताबिक सर्जिकल मास्क को लेकर ऐसा कोई भी प्रमाण उपलब्ध नहीं हुआ है.