क्या बिना तैयारी के 18+ के लिए हुआ वैक्सीनेशन का ऐलान? कई राज्यों ने खड़े किए हाथ, अधर में लोग


भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचा दी है. दिल्ली हो या महाराष्ट्र, या फिर उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल, हर ओर हाहाकार मचा है. अस्पतालों में बेड्स की कमी है, लोगों को ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है और कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इस बीच सरकार ने 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र वाले सभी लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू करने का ऐलान किया, जिसके लिए रजिस्ट्रेशन शुरू भी हो गया है. 

लेकिन देश में इस वक्त तमाम सुविधाओं के साथ-साथ वैक्सीन की भी किल्लत है, ऐसे में कई राज्य 1 मई से वैक्सीनेशन शुरू करने से इनकार कर चुके हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये ही खड़ा हो रहा है कि अगर देश में वैक्सीन मौजूद नहीं है, राज्यों के पास कोई स्टॉक नहीं है, तो फिर क्या बिना किसी तैयारी के 1 मई से सभी के लिए वैक्सीनेशन का प्रोग्राम खोल दिया गया था. एक-एक कर कई राज्यों ने कर दिया इनकार
दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान समेत कई राज्यों ने अपने यहां 1 मई से वैक्सीनेशन का नया अभियान शुरू करने में असमर्थता जताई है. सिर्फ विपक्षी दलों के राज्य ही नहीं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों ने भी ऐसा ही किया है.

: वैक्सीनेशन के लिए लाइन में लगे लोगों का फूटा गुस्सा, Aarogya Setu ऐप को बताया बेमतलब

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते दिन ऐलान किया कि 1 मई से 18+ वालों के लिए वैक्सीन नहीं लगेगी, क्योंकि वैक्सीन का जो ऑर्डर किया है वो अभी तक नहीं पहुंची है. हालांकि, राज्य में 45 साल से अधिक उम्र वाले लोगों के लिए वैक्सीनेशन का जो प्रोग्राम चल रहा है, वह जारी ही रहेगा.

राजस्थान सरकार ने भी वैक्सीन की कमी होने के कारण 15 मई से वैक्सीनेशन ओपन करने का फैसला किया है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के मुताबिक, उनके राज्य को करीब 7 करोड़ वैक्सीन की जरूरत है, 3.75 करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर दिया जा चुका है, लेकिन सीरम इंस्टीट्यूट का कहना है कि 15 मई तक ही वैक्सीन की सप्लाई हो सकेगी.

महाराष्ट्र सरकार ने 18+ वाले सभी लोगों के लिए वैक्सीन मुफ्त देने का ऐलान किया है, लेकिन अभी वैक्सीन नहीं लगाई जा रही है. महाराष्ट्र का कहना है कि उन्होंने वैक्सीन का ऑर्डर दिया है, लेकिन सप्लाई नहीं हुई है. महाराष्ट्र के हालात ये हैं कि 45 साल से अधिक उम्र वालों के लिए ही वैक्सीन नहीं मिल पा रही है. ऐसे में मुंबई में तीन दिन के लिए वैक्सीनेशन पूरी तरह से रोक दिया गया है.

: Corona टीका के लिए लगी कतारें, कहीं ‘सुपरस्प्रेडर’ न बन जाएं वैक्सीनेशन सेंटर

देश के अन्य राज्यों की तरह ही राजधानी दिल्ली का भी बुरा हाल है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बीते दिन साफ कहा था कि उन्होंने वैक्सीन का ऑर्डर कर दिया है, लेकिन वैक्सीन निर्माताओं की ओर से कोई जवाब नहीं आया है. ऐसे में युवाओं को धैर्य रखना चाहिए, क्योंकि 1 मई से वैक्सीनेशन शुरू होने के आसार नहीं हैं.

वैक्सीनेशन को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. सीएम ने लिखा है कि राज्य द्वारा कोविशील्ड और कोवैक्सीन की 25-25 लाख डोसेज की मांग की गई है. जिनमें से वांछित मात्रा में से तीन लाख डोसेज मई माह में राज्य को मिलेंगे. ऐसी परिस्थिति में वर्तमान में बड़ी संख्या में रजिस्ट्रेशन होने से और उस अनुपात में वैक्सीन डोज़ उपलब्ध न होने से टीकाकरण हेतु बनी सेशन साइट्स पर भीड़ प्रबंधन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती है. 

रजिस्ट्रेशन खुलते ही टूट पड़े लोग
बता दें कि करीब आधा दर्जन राज्यों ने अपने यहां वैक्सीनेशन शुरू करने से इनकार कर दिया है, लेकिन 18 साल से अधिक उम्र वालों के लिए जैसे ही रजिस्ट्रेशन ओपन हुआ, वैसे ही कोविन पॉर्टल पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. पहले दिन करीब सवा करोड़ रजिस्ट्रेशन हुए, दूसरे दिन भी करीब एक करोड़ रजिस्ट्रेशन हुए हैं. बस अभी लोग रजिस्टर ही कर पा रहे हैं, वैक्सीन कब और कहां लगेगी, इसका कुछ पता नहीं चल रहा है.

अभी देश में सिर्फ दो ही वैक्सीन उपलब्ध
गौरतलब है कि भारत में अभी सिर्फ दो वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, ऐसे में यही कंपनियां सभी राज्यों को वैक्सीन दे रही हैं. रूस की स्पुतनिक को भी मंजूरी मिल गई है, एक मई को उसके भारत पहुंचने के भी आसार हैं. लेकिन वो राज्यों को कबतक मिलेगी और लोगों को कबतक लगेगी, ये साफ नहीं है.