नई दिल्ली, । कोरोना वायरस की दूसरी लहर से लड़ाई के बीच अब देश में वैक्सीन को लेकर अब एक बार फिर बहस शुरू हो गई है। करोड़ों लोगों को लगाई जा चुकी कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों खुराक के बीच अंतर के परिणाम को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि खुराक के बीच ज्यादा अंतराल होने से लोगों में कोरोना के नए स्ट्रेन का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि अब इसे लेकर भारत सरकार की तरफ से स्पष्टीकरण सामने आया है।
केंद्र सरकार का कहना है कि कोविशील्ड वैक्सीन की डोज के बीच समय अंतराल को कम करने के लिए हड़बड़ाने की जरूरत नहीं है। ऐसी रिपोर्टें आई हैं कि कोरोना के नए स्ट्रेन से बचाव के लिए COVISHIELD की 2 खुराक के बीच के अंतर को कम करना बेहतर होगा। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल आश्वासन दिया है कि खुराक के बीच गैप में तत्काल परिवर्तन की आवश्यकता पर घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है।
डॉ वी के पॉल का कहना है कि हमें उचित वैज्ञानिक प्रक्रिया को अपनाने की जरूरत है और एनटीएजीआई द्वारा लिए गए निर्णय का सम्मान करना चाहिए। कोविशील्ड वैक्सीन खुराक गैप रिडक्शन के लिए हमारे देश के परिदृश्य के संदर्भ में उचित वैज्ञानिक अध्ययन की आवश्यकता है। इस तरह की चिंताओं पर संतुलित रुख की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि वैक्सीन के खुराक के बीच समय अंतराल को कम करने के लिए हड़बड़ी करने की जरूरत नहीं, यह फैसला बहुत सावधानी से लिये जाने चाहिए। डॉ वी के पॉल ने यह भी बताया कि देश में अब तक 24.61 करोड़ कोविड वैक्सीन की डोज दी जा चुकी हैं।