(विशेष प्रतिनिधि)
वाराणसी(काशीवार्ता)। पंजाब की अदालत में मुख्तार अंसारी की अर्जी खारिज होने के बाद अब उसके यूपी आने का रास्ता साफ हो गया है। मुख्तार ने यूपी आने से बचने के लिए मेडिकल बोर्ड गठित करने की अर्जी लगायी थी। अब पुलिस किसी भी वक्त उसे पंजाब जेल से लाकर यूपी की जेल में दाखिल कर देगी। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने समय सीमा भी तय कर दी है। एक तरफ मुख्तार के यूपी आने की खबर से पुलिस व प्रशासनिक हल्को में हलचल तेज हो गयी है तो दूसरी तरफ उससे जुड़े मामलों और संबधित लोगों में बेचैनी बढ़ गयी है। चिट्ठी-पत्री लिखने का दौर भी तेज हो गया। सब एक दूसरे से खतरे की आशंका जता रहे हैं। कल सांसद अतुल राय ने शासन को पत्र लिख कर मुख्तार से अपनी जान को खतरा बताया है। पत्र में लिखा है कि नैनी जेल में मुख्तार का खास गर्गा अंगद राय बंद है। चूंकि घोसी लोकसभा चुनाव को लेकर मुख्तार से उनकी अनबन है। अत: मुख्तार को नैनी जेल न भेजा जाय। ज्ञात हो कि बलात्कार के एक मामले में सन् 2019 से अतुल राय नैनी जेल में बंद है। इसके पहले परसों मुख्तार की पत्नी आंफसा अंसारी ने राष्टÑपति को पत्र लिखकर मुख्तार की जान को खतरा बताया है। पत्र में उसने कहा है कि एमएलसी बृजेश सिंह उनके भतीजे विधायक सुशील सिंह से मुख्तार की जान को खतरा है अत: उनकी सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की जाय।
इसके पहले पूर्व विधायक अजय भी उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर मुख्तार से अपनी जान का खतरा बता चुके हैं। पत्र में उन्होंने कहा कि चूंकि वे अपने बड़े भाई अवधेश राय की हत्या के चश्मदीद गवाह हैं अत: गवाही में प्रयाग आने जाने के दौरान उनकी सुरक्षा को गंभीर खतरा है। उन्होंने राजनीतिक द्वेषवश अपनी सुरक्षा वापस लेने का आरोप लगाया है।
इसके पूर्व स्व. कृष्णानंद राय की पत्नी व विधायक अलका राय सुप्रीम कोर्ट से अपनी व गवाहों की सुरक्षा की गुहार लगा चुकी हैं। अलका राय की याचिका पर ही कृष्णानंद राय हत्याकांड का मुकदमा यूपी से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित हुआ था। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि इस समय अंडरवर्ल्ड व पूर्वांचल में सरगरमी काफी तेज हो गयी है। सबने एक दूसरे से खतरे की आशंका जतायी है। वास्तविक खतरा किससे किसको है यह तो आने वाला वक्त बतायेगा। लेकिन इतना तय है कि चुनाव वर्ष में यूपी में मुख्तार प्रकरण कुछ न कुछ गुल जरूर दिलायेगा। एम्बूलेंस प्रकरण से इसकी बानगी देखी जा सकती है। जब यह मामला प्रकाश में आते ही बाराबंकी पुलिस ने तुरंत एफआईआर दर्ज कर ली।