नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। आज 11 मार्च के दिन विश्व में 11 करोड़ से ज्यादा लोगों के कोरोना महामारी से पीड़ित होने के बीच पिछले वर्ष 11 मार्च का जिक्र करना प्रासंगिक होगा, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे एक वैश्विक महामारी घोषित कर दिया था और पूरी मानव जाति के अस्तित्व पर मंडराते इस खतरे से मुकाबले के लिए सारी दुनिया एकजुट हो गई थी।
समूचे विश्व को कोरोना का प्रकोप झेलते हुए एक वर्ष से ज्यादा का समय बीत चुका है। पिछले वर्ष जनवरी में डब्ल्यूएचओ ने निमोनिया जेसा संक्रमण फैलने की जानकारी दी थी लेकिन इसके कारण अथवा निदान के बारे में कुछ नहीं बताया गया था। भारत में 31 जनवरी को कोरोना का पहला मरीज सामने आया और 31 जनवरी को ही इसे डब्ल्यूएचओ ने स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया।
उसके बाद आने वाले हर दिन के साथ इस बीमारी का प्रकोप बढ़ता रहा और पिछले वर्ष 11 मार्च को जिसे वैश्विक महामारी घोषित किया गया था वह तमाम कोशिशों और एक वर्ष बीत जाने के बावजूद आज भी एक बड़ी चुनौती के रूप में दुनिया के सामने है।
गौरतलब है कि भारत में एक दिन के अंदर कोविड-19 के 22,854 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,12,85,561 हो गई। करीब ढाई महीने में सामने आए यह सर्वाधिक नए मामले हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे जारी अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में 126 और मरीजों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,58,189 हो गई।
देश में अभी 1,89,226 लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 1.68 प्रतिशत है।आंकड़ों के अनुसार, कुल 1,09,38,146 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ ही मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 96.92 प्रतिशत है। वहीं, कोविड-19 से मृत्यु दर 1.40 प्रतिशत है।
देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवम्बर को 90 लाख और 19 दिसम्बर को एक करोड़ के पार चले गए थे। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, देश में अभी तक 22,42,58,293 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है। इनमें से 7,78,416 नमूनों की जांच बुधवार को की गई थी।