क्यों न फैले कोरोना, शौचालयों में गंदगी का अंबार


वाराणसी(काशीवार्ता)। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में कोरोना महामारी से लड़ने के लिये तमाम प्रशासनिक उपाय किये जा रहे हैं लेकिन सच्चाई यह है कि शहर में नव निर्मित 235 शौचालयों की स्थिति यह है कि वहां जाने वाले स्वस्थ व्यक्ति को भी महामारी का प्रकोप झेलना पड़ सकता है, क्यों कि किसी भी शौचालय को दावे के साथ साफ सुथरा नहीं कहा जा सकता है। बताया जाता है कि प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत नगर निगम द्वारा 6 प्राइवेट एनजीओ को शहर में बने शौचालयों और यूरिनल के निर्माण के लिये जायका द्वारा भूमि उपलब्ध कराई गई। जिसके बाद इन संस्थाओं ने विभिन्न जगहों पर शौचालयों का निर्माण कराया। इसमें निगम ने शर्त यह रखी कि भूमि दे देंगे। संस्थाएं शौचालयों के निर्माण पर खर्च हुई धनराशी को यूजर चार्ज के रूप में वहां आने वाले नागरिकों से वसूलेंगे। लेकिन वहां बने यूरिनल से यूजर चार्ज नहीं वसूलेंगे। लिहाजा इन शौचालयों के निर्माणकर्ताओं ने शौचालयों की व्यवस्था तो ठीक रखने का काम किया लेकिन यूरिनल की साफ-सफाई पर कोई ध्यान नहीं दिया। आज स्थिति यह है कि सड़कों, गलियों के किनारे बने तमाम यूरिनलों में प्रतिदिन सार्फ सफाई न होने से वहां खड़ा होना भी मुश्किल हो जाता है। पूरे फर्श पर मूत्रालय का पीलापन, पान की पीक सब मिलाकर पूरी नारकीय स्थिति बनी रहती है। हालात तो ऐसे हैं कि कई यूरिनलों पर तो लगी पानी की टंकियां नदारद और पानी की पाइप टूटी हुई है जिससे इन यूरिनलों में पानी डालने की व्यवस्था न होने से बदबू का आलम भयंकर होता है। लल्लापूरा वार्ड के माताकुंड क्षेत्र के सपा पार्षद हारूल अंसारी ने बताया कि यूरिनल गंदे होने की वजह से आम जनमा माता कुंड को जाने वाली गलियों में दिनभर बाथरूम करती रहती है, जिससे कभी संक्रामक रोग फैल सकता है। इस संदर्भ में काशीवार्ता ने जब प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी राम सकल यादव से बात की तो उन्होंने कहा कि इन 6 एनजीओ पर निगम का सीधा कोई नियंत्रण नहीं है। यह कार्यदायी संस्था जायका के अधीन आते हैं। इसी क्रम में जब जायका प्रभारी सहायक नगर आयुक्त प्रमिता सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे स्वयं मौके पर जाकर इन यूरिनल की स्थिति का अवलोकन करेंगी और गंदगी पाये जाने पर संबंधित एनजीओ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी क्योंकि कोरोना महामारी के चल रहे इस दौर में यह बहुत जरूरी है कि नागरिकों के स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुये शहर के शौचालय स्वच्छ रहें।