वाराणसी (काशीवार्ता)। त्रिपुरा में व्यापार और पर्यटन की अपार संभावना है। अगर त्रिपुरा और उत्तरप्रदेश आपस में व्यापार और पर्यटन के बारे में आदान प्रदान करे तो दोनों राज्यों को बहुत लाभ होगा। उक्त बातें त्रिपुरा के कृषि और किसान कल्याण मंत्री रतन लाल नाथ ने स्थानीय ताज होटल में त्रिपुरा सरकार की उपलब्धियों से स्थानीय जनप्रथिनियों और व्यापारियों को अवगत कराते हुए कही। मंत्री ने कहा त्रिपुरा की सत्तर प्रतिशत आबादी कृषि पर आधारित है। इसमें अन्नानास,अगर जैसे उत्पादों का बहुत योगदान है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविद अन्नानास को राज्य का मुख्य फल घोषित किया है।
उन्होंने बताया कि राज्य में जैविक उत्पाद, चाय, अगर,चिप्स,सुगंध हेयर आॅयल का भी प्रचुर मात्रा में उत्पादन होता है।राज्य से करोड़ों रुपए का अन्नानास और अगर न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी निर्यात होता है। इसी तरह वाराणसी में साड़ी, संगमरमर की मूर्तियां और अन्य उत्पादों की त्रिपुरा में व्यापार की अपार संभावना है। मंत्री ने बताया सन 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पूर्वोत्तर राज्यों खास तौर पर त्रिपुरा का काफी विकास हुआ है। इस समय त्रिपुरा में अंतराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट है जहां से प्रतिदिन 30 फ्लाइट रोजाना संचालित होती हैं। इसके अलावा सड़क मार्ग से भी त्रिपुरा का देश के शेष भाग से बेहतर संपर्क है। इसके माध्यम से त्रिपुरा से कृषि उत्पादों को देश के कोने कोने तक पहुंचाया जा सकता है। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मंत्री रविंद्र जायसवाल, मेयर अशोक तिवारी, विधायक सौरभ श्रीवास्तव के साथ ही त्रिपुरा के पर्यटन और कृषि सचिव ने भी संबोधित किया।