वाराणसी। जंसा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत खेमापुर में मुम्बई से लौटे 42 वर्षीय एक व्यक्ति की आज तड़के अचानक मौत हो गई। कोरोना के संभावित संक्रमण को लेकर पूरे गांव में हड़कम्प मचा गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में पहुँच घर वालों का सेंपल लेकर जांच में जुटी है। बताया गया कि मृतक अपने अन्य दो भाइयों के साथ कल ही मुंबई से गांव वापस आया था। ग्राम प्रधान द्वारा गांव में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में तीनों भाइयों को रखवाया गया था। मृतक बीमार होने की बात कह कर रात में ही अपने घर चुपके से चला गया। सोमवार की अलसुबह उसकी घर में ही अचानक मौत हो गई। ग्राम प्रधान मीरा देवी ने बताया कि मृतक अपने दो अन्य भाइयों के साथ मुंबई से चलकर पहले बलरामपुर पहुंचा था। उसके बाद तीनों भाई वहां से किसी वाहन द्वारा रविवार को हरहुआ स्थित गोकुलधाम पहुंचे थे। यहां पर तीनों की थर्मल स्कैनिंग व अन्य जांच पड़ताल होने के बाद सभी को गांव जाने के लिए भेज दिया गया। गाइडलाइन के मुताबिक उन्हें गांव के बाहर बने सेंटर में रखा गया था। इधर सुबह गांव में मौत की सूचना जंगल में आग की तरह फैली तो जितने मुंह उतनी बातें शुरू हो गई। कोरोना से डरे लोग भी सकते में थे। इस घटना को लेकर पूरे क्षेत्र में हड़कंप का माहौल बन गया है। भाजपा नेता एवं जिला पंचायत सदस्य रामचंद्र पाल ने घटना की सूचना पुलिस प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग को दिया । अब जांच बाद पता चलेगा कि उक्त व्यक्ति की मौत कैसे और किन परिस्थितियों में हुई। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई। पूरी जानकारी व ट्रवेल हिस्ट्री एकत्र किया गया। बाद में कइयों की स्क्रीनिंग व मृतक के साथ आये दोनों भाइयों का ब्लड सैम्पल लिया गया। जाँच पड़ताल के बाद टीम वापस लौट गई। बाद में पता चला कि जंसा थाना क्षेत्र के खेमापुर गांव निवासी तीन भाई मुंबई के विभिन्न फैक्ट्रियों में काम करते थे। लॉक डाउन में फैक्ट्री बन्द होने के बाद तीनों भाई 15 मई को मुम्बई से श्रमिक ट्रेन द्वारा बलरामपुर पहुंचे। वहां से तीनों भाई रोडवेज बस से वाराणसी के हरहुआ स्थित गोकुलधाम पहुंचे थे। मृतक तीनों भाइयों में दूसरे नंबर का था। बताया गया कि मृतक को दो पुत्र और दो पुत्रियां है।