लगातार 11वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, 4 प्रतिशत पर बरकरार


मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक में प्रमुख नीतिगत दर रेपो में लगातार 11 वीं बार कोई बदलाव नहीं किया और इसे चार प्रतिशत के निचले स्तर पर कायम रखा है। नीतिगत दर यथावत रहने का मतलब है कि बैंक कर्ज की मासिक किस्त में कोई बदलाव नहीं होगा। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि मुद्रास्फीति को काबू में रखने के साथ आर्थिक वृद्धि को कायम रखने के लिए केंद्रीय बैंक ने अपने नरम रुख में थोड़ा बदलाव किया है। रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 22 मई, 2020 को रेपो दरों में बदलाव किया था। इसके साथ ही रिवर्स रेपो दर को भी 3.35 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है। रेपो दर वह दर है जिसपर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये कर्ज देता है। जबकि रिवर्स रेपो दर के तहत बैंकों को अपना पैसा आरबीआई को देने पर ब्याज मिलता है।