भारत-चीन में 16 घंटे हुई बातचीत, पैंगोंग झील की तरह बाकी सीमा विवादों को सुलझाने पर भी सहमति


बीते दिनों ही भारत और चीन दोनों ही देश पूर्वी लद्दाख में तैनात अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटाने के लिए सहमत हो चुके हैं जिससे कोई दस महीने पुराना वह तनाव खत्म हुआ जो अप्रैल, 2020 से दोनों देशों के बीच चल रहा था. इसी प्रक्रिया के बाद अब दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर पर दसवीं बैठक हुई है. जिसमें दोनों देशों ने पैंगोंग झील से फ्रंटलाइन पर लड़ रहे सैनिकों को हटाने के लिए किए गए प्रयासों को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और इन प्रयासों को सराहा.

ये मीटिंग चीनी साइड में स्थित ‘मोल्डो/चुशूल बॉर्डर मीटिंग पॉइंट पर हुई. पैंगोंग झील से जिस प्रकार सैनिकों को हटाकर सीमा पर तनाव कम किया गया है. ये बाकी उन क्षेत्रों के लिए एक अच्छा उदाहरण है जहां दोनों देशों के बीच विवाद चल रहा है. इससे LAC के पूर्वी सेक्टर विवाद मामले से भी निपटा जा सकता है. कोर कमांडर स्तर पर हुई इस बैठक में रैंडम विषयों पर भी चर्चा हुई. इसमें दोनों देशों ने पश्चिमी सेक्टर (वेस्टर्न सेक्टर) के बारे में भी एक दूसरे से अपने विचार एक्सचेंज किए.

दोनों देशों के बीच ये बातचीत करीब 16 घंटे तक चली. इस मीटिंग में पैंगोंग झील की तरह ही गोगरा और हॉटस्प्रिंग के मसले को भी शांतिपूर्ण तरीके से सुलझा लेने पर विचार किया गया है.

दोनों ही पक्ष अपने-अपने नेताओं की आम सहमति को फॉलो करने के लिए सहमत हुए हैं. दोनों ही पक्ष आगे भी बातचीत जारी रखने के लिए, जमीन पर स्थिति को नियंत्रित करने और आगे के मामले को जल्दी से निपटाने के लिए आम सहमति बनाने के लिए तैयार हुए हैं. दोनों देश बाकी विवादित क्षेत्रों जैसे डेप्सांग के लिए भी मिलिट्री और राजनयिक लेवल पर बातचीत करने की जरूरत पर सहमत हुए.