बुखार की शिकायत के बाद ऋषि कपूर फिर अस्पताल में भर्ती

हाल ही में दिल्ली के एक अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद मुंबई लौटे ऋषि कपूर को एकबार फिर अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है। पारिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक... Read more »

निर्देशन नहीं करेंगे शाद, बोले- इस बात का मुझे कोई अफसोस भी नहीं

साल 2005 में रिलीज हुई सुपरहिट फिल्म ‘बंटी और बबली’ का सीक्वल ‘बंटी और बबली-2’ जल्द ही बनने जा रहा है। इस फिल्म में रानी मुखर्जी के अलावा सैफ अली खान, सिद्धांत... Read more »

बॉलीवुड में अक्षय कुमार की ब्रांड वैल्यू सबसे ज्यादा

बीते एक साल में अक्षय कुमार की ब्रांड वैल्यू में 55.3 फीसदी का इजाफा हुआ है। बुधवार को ग्लोबल एडवाइजरी फर्म, डफ एंड फेल्प्स द्वारा जारी की गई सूची में अक्षय कुमार... Read more »

पूजा को मिली सुरिंदर की शॉर्ट फिल्म ‘शुकराना गुरु नानक देव जी का’

1995 में सलमान खान और अतुल अग्निहोत्री के साथ फिल्म वीरगति में नजर आईं पूजा डडवाल जल्द ही फिल्मों में नजर आएंगी। 5 फरवरी को उनकी कमबैक फिल्म ‘शुकराना गुरनानक देव जी... Read more »

अमिताभ बच्चन ने बताई नमस्कार की परिभाषा

अमिताभ बच्चन ने ट्विटर पर ‘नमस्कार’ की परिभाषा बताई है। उनके मुताबिक, यह केवल हमारी सभ्यता का प्रतीक, प्रथा या परम्परा नहीं है। बल्कि यह हमारा आदर्श और हमारी संस्कृति का ध्वज... Read more »

24 कैरेट का गोल्ड पेन और 12 दिन का क्रूज ट्रिप

9 फरवरी को डॉल्बी थिएटर में होने जा रही 2020 की आॅस्कर अवॉर्ड सेरेमनी के नॉमिनीज का इस बार का गुडी बैग बेहद खास होने जा रहा है। हर बार की तरह... Read more »

शूटिंग से पहले घबरा रहे थे को-एक्टर पवैल तापसी पन्नू

तापसी पन्नू का कहना है कि ‘थप्पड़’ की शूटिंग के दौरान को-एक्टर पवैल गुलाटी ने उन्हें 7 थप्पड़ मारे थे, तब कहीं जाकर परफेक्ट शॉट आ पाया। वे फिल्म के प्रमोशन के... Read more »

माधव गुरु पहलवानों के प्रति रहते थे समर्पित

संसार में गुरु-शिष्य की परम्परा बड़ी ही प्राचीन है। विशेषकर भारतवर्ष में इस परम्परा को पवित्र बंधन के रुप में मनाया जाता है। प्राय: हर विधा में हर एक गुण का महत्व... Read more »

महर्षि दयानन्द ने देश हित में हिंदी को किया था स्वीकार

हिंदीत्तर भाषी हिंदी सेवकों में महर्षि दयानंद सरस्वती का नाम सर्वप्रथम लिया जाना चाहिए। महर्षि दयानंद सरस्वती ओजस्वी वाणी के प्रखर वक्ता थे। उनका तेजोमय संन्यासी व्यक्तित्व विशाल जनसमूह को अपनी ओर... Read more »

अंग्रेजों के आगे नहीं झुके थे पांड्य नरेश कट्टबोमन

17वीं शताब्दी के अन्त में दक्षिण भारत का अधिकांश भाग अर्काट के नवाब के अधीन था। वह कायर लगान भी ठीक से वसूल नहीं कर पाता था। अत: उसने यह काम ईस्ट... Read more »