4 मार्च को आसमान में होगी भयंकर तबाही! चांद से टकराने वाला है अनियंत्रित रॉकेट, घटना का गवाह बनेगा भारत का चंद्रयान-2


आसमान में गहरे राज छुपे हुए हैं और इन्हीं रहस्यों को जानने के लिए भारत का इसरो, अमेरिका का नासा और साथ में जापान, रूस, चीन व न जाने कितने ही देश अपने-अपने स्तर पर अंतरिक्ष के गूढ़ रहस्यों को बाहर लाने के लिए महंगे और चुनौतीपूर्ण मिशन कर रहे हैं। इसी लिस्ट में विश्व के सबसे अमीर शख्स एलेन मस्क की स्पेस कंपनी स्पेस एक्स भी शामिल है। स्पेस एक्स भी मंगल और चांद समेत कई अभियानों को अंजाम देने वाली है और दे भी रही है। लेकिन एलेन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स ने अंतरिक्ष में एक बड़ा खेल कर दिया है। जिससे एक बेकाबू रॉकेट की चांद पर भयंकर टक्कर होने वाली है और इस घटना का भारत का चंद्रयान-2 गवाह बनेगा। 

अंतरिक्ष में क्या होने वाला है?

फरवरी 2015 की जब एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने फॉल्कन 9 रॉकेट से पर्यावरण पर नजर रखने वाले सैटेलाइट को अंतरिक्ष में 15 लाख किलोमीटर दूर पहुंचाया था। उसके बाद से रॉकेट का ईंधन खत्म हो गया। तब यह से 4400 किलोग्राम वजनी रॉकेट बूस्टर अंतरिक्ष में घूम रहा था। अब यह उम्मीद लगाई जा रही है कि 4 मार्च 2022 को यह रॉकेट चांद की सतह से 9288 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से टकराएगा। ये दावा नियर अर्थ ऑब्जेक्ट को ट्रैक करने वले बिल ग्रे ने किया है। 21 जनवरी को बिल ग्रे ने अपने ब्लॉग में लिखा की पांच जनवरी को एक स्पेस जंक चांद के बगल से गुजरा. जो 4 मार्च 2022 को चांद की सतह से टकरा सकता  है। 

क्या ऐसा पहली बार हो रहा है? 

आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है कि चांद की सतह पर इंसानों द्वारा बनाया गया कोई रॉकेट टकरा रहा हो। इससे पहले भी सैटेलाइट चांद की सतह से टकरा चुके हैं। साल 2009 में अमेरिका का लूनर क्रेटर ऑब्जरवेशन एंड सेंसिंग सैटेलाइट चांद के दक्षिणी ध्रुव पर 9 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से टकराया था। 

 रॉकेट के गिरने की तस्वीर खींच सकता है चंद्रयान-2

ग्रे के मुताबिक, चंद्रमा की परिक्रमा कर रहे भारत के चंद्रयान-2 ऑर्बिटर और नासा के लूनर रेकॉन्सेन्स ऑर्बिटर फाल्कन 9 रॉकेट के गिरने की तस्वीर खींच सकते हैं। भारत ने चंद्रयान-2 मिशन को साल 2019 में सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। इसे देश के अंतरिक्ष इतिहास की एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा गया।