50 मीटर ऊचाई से गंगा की सैर करायेगी रोमांच का अनुभव


वाराणसी(काशीवार्ता)। वाराणसी शहर को चारों ओर से रोप-वे से जोड़ने की तैयारी चल रही है। गंगा के आर-पार भी रोप-वे के दो रूट तैयार किए जाएंगे। 50 मीटर की ऊंचाई से गंगा का सैर काफी आनंद और रोमांचक अनुभव देने वाला होगा। शहर में रोप-वे का निर्माण कुल तीन फेज में होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को कैंट-गोदौलिया के पहले फेज की आधारशिला रख दी है। यह करीब 645 करोड़ रुपए से दो साल में बनकर तैयार होगा। वहीं, वाराणसी विकास प्राधिकरण ने अब 2ल्ल िऔर द्वितीय-तृतीय फेज का खाका भी खींच लिया है। कैंट-गोदौलिया के बाद अब कैंट रेलवे स्टेशन-सिटी स्टेशन-नमो घाट- रामनगर पड़ाव और वहीं, तृतीय फेज में रथयात्रा-बीएचयू-रामनगर किले तक रोप-वे का निर्माण होगा। इसका पूरा एक्शन प्लान जल्द ही शासन को भेजा जाएगा। दूसरे और तीसरे चरण के रोप-वे को तैयार करने का बजट 2320 करोड़ रुपए आंका गया है। इस प्रोजेक्ट में गंगा पार जाने वाले दो रोप-वे रुट भी शामिल हैं।
2 साल में तैयार होगा पहला फेज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले फेज के रोप-वे का शिलान्यास कर दिया है। वाराणसी स्टेशन से गोदौलिया तक 3.8 किलोमीटर लंबाई वाला यह रोप-वे सड़क से 50 मीटर यानी 164 फीट की ऊंचाई पर दौड़ेगा। यह 2 साल में बनकर तैयार हो जाएगा और इस पर 644 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। हर डेढ़ से दो मिनट पर यात्रियों के लिए ट्रॉली उपलब्ध रहेगी। एक केबल कार में 10 पैसेंजर सवार होंगे। एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे। यानी 6000 लोग दोनों दिशा से एक घंटे में आ-जा सकेंगे। रोप-वे का संचालन 16 घंटे होगा। रोप-वे से कैंट जंक्शन से गोदौलिया तक जाने में महज 16 मिनट लगेंगे।
काशी में होगा 15.8 किलोमीटर लंबा रोप-वे
वाराणसी में रोप-वे की कुल लंबाई 15.8 किलोमीटर होगी। कैंट से गोदौलिया 3.8 किलोमीटर, कैंट से नमो घाट तक साढ़े 5 किलोमीटर और वहीं, रथयात्रा से बीएचयू और रामनगर तक करीब साढ़े 6 किलोमीटर लंबा रोप-वे तैयार होगा। रथयात्रा से बीएचयू के बीच में 3 स्टेशन बनाए जा सकते हैं। अभी स्टेशन के नाम तय नहीं किए गए हैं। प्रोजेक्ट के दूसरे फेज का खर्च 920 करोड़ रुपये और तीसरे का 1400 करोड़ रुपए तक आएगा।