8वें सोमवार पर बाबा दरबार में उमड़ा आस्था का ज्वार


वाराणसी(काशीवार्ता)। सावन के आखिरी और आठवें सोमवार को श्रीकाशी विश्वनाथ का रुद्राक्ष श्रृंगार के दर्शन के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। रविवार की देर रात से बाबा के दर्शन के लिए कतारें लग गईं। भोर में मंगला आरती के साथ ही दर्शन-पूजन का सिलसिला शुरू हो गया। दोपहर साढ़े 12 बजे तक चार लाख भक्तों ने दर्शन कर लिए थे।
गौरतलब है कि पिछले सात सोमवार पर काशी पुराधिपति के सात स्वरूपों के श्रृंगार का भक्तों ने दर्शन किया। आखिरी सोमवार को एक लाख रूद्राक्ष के दानों से श्रृंगार का दर्शन हो रहा है। श्रावण मास में देवाधिदेव महादेव के दर्शन का विशेष महत्व है। इसलिए भक्तों का रेला उमड़ पड़ा है। मैदागिन व गोदौलिया से गेट नम्बर चार तक भक्तों की लाईन लगी रही। रह-रहकर हर-हर महादेव, हर-हर शम्भो और बोल बम के उद्घोष गूंजते रहे। शाम को बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती की चल प्रतिमा का भी रुद्राक्ष श्रृंगार किया जाएगा। रात में शयन आरती के बाद बाबा के भव्य रूप का दर्शन होगा। पूरे सावन माह में अबतक डेढ़ करोड़ भक्तों ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई। यह आंकड़ा पिछले साल सावन से 50 हजार ज्यादा है। हालांकि 19 साल के बाद इस बार सावन में 8 सोमवार पड़े हैं। देशभर से भक्तों का रविवार की रात से ही काशी पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका था। रात में गंगा स्नान कर भक्त दर्शन के लिए लाइन में लग गए। मंदिर प्रशासन के मुताबिक दोपहर 12.30 बजे तक करीब साढ़े 4 लाख भक्तों ने दर्शन किए। देर रात तक यह आंकड़ा करीब दस लाख तक पहुंचने का अनुमान है। दशाश्वमेध गंगा घाट से लेकर गोदौलिया, चौक, मैदागिन और विश्वनाथ कारीडोर परिसर श्रद्धालुओं से अटा पड़ा रहा। दोपहर में दर्शनार्थियों के आने का सिलसिला थोड़ा धीमा हुआ। फिर शाम होते ही आस्थावानों के आने का सिलसिला तेज हो गया। दर्शनार्थियों की भीड़ के मद्देनजर मैदागिन से गोदौलिया तक वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया है। चप्पे-चप्पे पर फोर्स की तैनाती रही। मैदागिन-गोदौलिया से सोनारपुरा, गुरुबाग-रामापुरा से बेनियाबाग तिराहा, रवींद्रपुरी कालोनी तिराहे से रामापुरा चौराहा की सड़क को भी नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है। दिव्यांगों, बुजुर्गों और महिलाओं को
मंदिर तक पहुंचाने के लिए ई-रिक्शा चलाए जा रहे थे।