फ्लोर टेस्ट से पहले ही कमलनाथ का इस्तीफा


भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल लालजी टंडन को भी सौंप दिया। इससे पहले उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर 2018 को विधानसभा का परिणाम आया था। कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें मिलीं। 17 दिसंबर को मैंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। मैंने 15 महीने राज्य की सेवा की। मेरा क्या कसूर था जो मेरे खिलाफ लगातार षड़यंत्र किया गया। उन्होंने कहा कि 22 विधायकों को कर्नाटक में बंधक बनाकर रखा गया है। एक महाराज और उसके शागिर्दों ने साजिश रची। बीजेपी मेरे खिलाफ लगातार साजिश रचती रही। बीजेपी को 15 साल और मुझे 15 महीने मिले। बीजेपी ने मध्य प्रदेश की जनता के साथ विश्वासघात किया। बीजेपी माफिया के खिलाफ अभियान नहीं चलने दे रही थी। धोखा देने वालों को जनता माफ नहीं करेगी।
इसके साथ ही स्पष्ट हो गया है कि मध्य प्रदेश में फ्लोर टेस्ट अब नहीं होगा क्योंकि कांग्रेस के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं था। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने और उनके 22 विधायक समर्थकों के इस्तीफा देने के बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी। कमलनाथ के इस्तीफे के साथ ही साफ हो गया है कि एक बार फिर बीजेपी की सत्ता में वापसी होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि अब इन इस्तीफों के बाद जो क्योंकि अब इन इस्तीफों के बाद जो विधानसभा का गणित बैठता है, उसमें बहुमत का आंकड़ा बीजेपी के पास है। हालांकि कमलनाथ के ऐलान से ऐन पहले बीजेपी के भी एक विधायक ने इस्तीफा देने का ऐलान किया। इस तरह बीजेपी के विधायकों की संख्या अब 106 रह गई है।