अंसारी बंधुओं को चुनौती दे रहे मुन्ना


गाजीपुर (काशीवार्ता)। कभी कभी चुनौती भी सफलता का कारण बनती है। कुछ ऐसा ही इस समय पूर्व विधायक स्व. कृष्णानंद राय के भतीजे आनंद राय मुन्ना के साथ हुआ। जब कुछ लोगों ने चुनौती दी तो उन्होंने इस चुनौती को सफलता के रूप में स्वीकार किया और आज वह मुहम्मदाबाद विधानसभा में नायक के रूप में उनके समर्थक उन्हें पेश कर रहे हैं। पूरे विधानसभा क्षेत्र में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने एवं जनता की समस्याओं का त्वरित निदान करने के मामले में आनंद की ही चर्चा चल रही है। इससे उनके विरोधियों में खलबली मची हुई है। 29 नवम्बर 2005 में बसनिया चट्टी पर मुहम्मदाबाद विधायक रहे स्व. कृष्णानंद राय एवं अन्य छह लोगों को गोलियों से भून दिया गया था। इस हत्याकांड में सीधे सीधे अंसारियों के परिवार का नाम सामने आया था। इस हत्याकांड की ज्वाला पूरे पूर्वांचल में भड़क थी और पूर्व मुख्यमंत्री रहे एवं मौजूदा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मुलायम सिंह सरकार के खिलाफ सीबीआई जांच के लिए वाराणसी में धरना दिया था। लेकिन मुलायम सरकार नहीं मानी। फिर राजनाथ ने न्याय यात्रा निकाली। मौजूदा सीएम योगी ने भी अंसारियों को ललकारा था। 2005 से लेकर अब तक कृष्णानंद राय के भतीजे अंसारी बंधुओं एवं उनके विरोधियों से लड़ते रहे। यही नहीं हर सियासी अवसरों पर आनंद ने ही अंसारी बंधुओं का जवाब दिया और कड़ा विरोध भी किया। एक ऐसा समय था, जब अंसारियों से लड़ना हर किसी के बस की बात नहीं थी, लेकिन उस समय भी आनंद ने दिलेरी दिखाई और क्षेत्रीय जनता की समस्याओं को लेकर करईल की माटी में आवाज बुलंद करते रहे। यही नहीं अपनी चाची के साथ साए की तरह खड़े रहे। उन्होंने बीते कुछ माह पहले हुए ब्लाक प्रमुख चुनाव में अपनी पत्नी श्रद्धा राय को निर्विरोध जब ब्लाक प्रमुख बनवाया तो वह अचानक चर्चा में आ गए। तब लोगों को लगा की मुन्ना की सियासी समझ पहले से अधिक बढ़ी है। और वह यहां की माटी के भविष्य बनेंगे। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने पूरे विधानसभा क्षेत्र का भ्रमण करना शुरू किया। कुछ दिनों तक लोगों को लगा कि यह भ्रमण का भूत उतर जाएगा, लेकिन उनकी लगातार पूरे इलाके में मौजूदगी चर्चा का विषय बनी रही। उन्होंने टिकट के लिए कुछ नेताओं से आशीर्वाद लिया। जब हमारे संवाददाता ने उनके समर्थकों से सवाल दागा तो उनके करीबियों ने कहा कि वह मुहम्मदाबाद की जनता के स्वाभिमान एवं आनबान शान के लिए मैदान में हैं उनका यह बयान मुहम्मदाबाद की सियासी फिजाओं में गूंज रहा है। उनके समर्थक उन्हें नायक के रूप में पेश कर रहे हैं। उन्हें यह उम्मीद है कि आनंद के ही सियासी रूप से मजबूत होने पर ही उनका हक आसानी से मिलेगा। सियासी पंडित कहते हैं कि आनंद राय मुन्ना की यह सक्रियता वास्तव में मुहम्मदाबाद की सियासत में बड़ा विस्फोट करेगी। जिसकी गंूज पूरे जिले में सुनाई देगी, यानि मुन्ना सियासी निर्णय सही वक्त पर जरूर लेंगे। क्योंकि अब लोग उनकी तरफ आशा भरी नजरों से देखने लगे हैं।