एंटीबायोटिक्स लेने के बाद डाइट में शामिल कीजिए ये चीजें, आंतों की सेहत के लिए बेहद जरूरी


 जब आप बीमार होते हैं या इन्फेक्शन का शिकार होते हैं तो डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक्स देते हैं। ये एंटीबायोटिक्स बैक्टीरिया के संक्रमण का इलाज करने में मदद करते हैं और हमें फिर से स्वस्थ करते हैं। लेकिन यहां यह समझना आवश्यक है कि इस पूरी प्रक्रिया में ये एंटीबायोटिक्स हमारी आंत में मौजूद रहने वाले अच्छे जीवाणुओं को भी मार देते हैं। हमारे पेट में रहने वाले ये जीवाणु भोजन को पचाने में मदद करते हैं और बीमारियों से भी हमें दूर रखते हैं।

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संक्रमण को दूर करता है एंटीबायोटिक्स 

ऐसे में आपको जरूरत होती है कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों की जो शरीर में एंटीबायोटिक्स के चलते हुए इस नुकसान की भरपाई कर सकें।एंटीबायोटिक्स लेने के बाद पेट में मौजूद इन अच्छे बैक्टीरिया को फिर से सुनिश्चित करने के लिए आपके आहार में प्रोबॉयोटिक्स को शामिल करना सर्वोत्तम तरीका है।

संक्रमण का शिकार होने के दौरान एंटीबायोटिक्स बड़े काम की चीज हैं। गंभीर संक्रमण के इलाज में एंटीबायोटिक्स बहुत ही आवश्यक और प्रभावी होते हैं। हालांकि इसका एक ही नुकसान है कि यह जब इलाज के दौरान संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करता है तो उस दौरान पेट में मौजूद हमारे स्वास्थ्य को सही रखने वाले बैक्टीरिया को भी नष्ट करते हैं।

एंटीबायोटिक्स का असर 

एंटीबायोटिक्स लेने से आंत में मौजूद बैक्टीरिया की मात्रा और प्रकार में आश्चर्यजनक रूप से परिवर्तन आ सकता है। आंत के माइक्रोफ्लोरा में होने वाले इस परिवर्तन से एंटीबायोटिक से जुड़े दस्त, मतली, उल्टी और अन्य पेट संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसमें डायरिया भी शामिल है। यही कारण है कि डॉक्टर खाली पेट की जगह भोजन के साथ एंटीबायोटिक्स लेने की सलाह देते हैं।

एंटीबायोटिक्स के बाद चूंकि पेट में अच्छे बैक्टीरिया की कमी हो जाती है। इसलिए इनकी मौजूदगी को फिर से बढ़ाने के लिए डाइटीशियन इलाज के दौरान या फिर बाद में प्रोबायोटिक्स लेने की सलाह लेते हैं। ये प्रोबायोटिक्स हमारी आंत में अच्छे बैक्टीरिया को फिर से तैयार करने में मदद करते हैं और शरीर में पेट संबंधी मुश्किलों के खतरे को कम करते हैं।

प्रोबायोटिक्स के लिए करें सेवन 

प्रोबायोटिक्स कई तरह के खाद्य पदार्थों के सेवन से प्राप्त किया जा कता है। हम भारतीय ऐसे बहुत से खाद्य पदार्थ उपयोग करते हैं जो प्रोबायोटिक्स से भरपूर होते हैं। इनमें दही, छाछ और इडली प्रमुख है। कई सारे प्रोबायोटिक्स पेय भी बाजार में उपलब्ध होते हैं उनका भी इस्तेमाल किया जा सकता है।