मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा मवईया


(प्रदीप श्रीवास्तव) काशीवार्ता
सारनाथ(वाराणसी)। आजादी के 75 साल बाद भी आज भी शहर उत्तरी विस क्षेत्र के कई गली मोहल्ले मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं । एक ओर सरकार जहां आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है वही महात्मा बुद्ध की उपदेश स्थली सारनाथ से कुछ दूर स्थित मवईया इलाका अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। यहां सीवर, पानी, सड़क, बिजली की व्यवस्था आज तक ठीक ढंग से संचालित नहीं हो सकी है। शहर उत्तरी विधानसभा का यह इलाका आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा। मवईया क्षेत्र बहुत बड़ा होने के साथ इस इलाके में सभी धर्म संप्रदाय के लोग निवास करते हैं ।कहने को पिछले 10 वर्षों से भाजपा के विधायक हैं। समस्या को लेकर विधायक से लगायत जिला प्रशासन तक क्षेत्रीय लोग गुहार लगा चुके हैं। लेकिन जमीनी स्तर पर आज तक कोई कार्य नहीं किया जा सका। काशीवार्ता ने जब क्षेत्रीय लोगों से विकास की जमीनी हकीकत जाननी चाही तो उनका रोष फूट पड़ा।
आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला
नथुनी यादव का कहना था कि हम लोग कई वर्षों से समस्याओं को लेकर जूझ रहे हैं। हम लोगों ने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर लगभग सभी लोगों से मुलाकात की है लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला।
सड़कों पर लगा रहता है पानी
क्षेत्र के राजेश कनौजिया का कहना है कि मोहल्ला सदियों पुराना है लेकिन किसी भी सरकार ने क्षेत्र की समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया। बताया कि क्षेत्र में बारहों मास सड़कों पर पानी लगा रहता है । बरसात के मौसम में बद से बदतर हालत हो जाते है। घरों में पानी घुस जाता है ।
गुहार सुनने वाला कोई नहीं
सुनील चौधरी का कहना है कि क्षेत्र में गंदगी का अंबार लगा रहता है। साफ सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है । बदहाल सड़कों पर आए दिन लोग गिरकर चोटिल होते रहते हैं। हम लोगों की गुहार सुनने वाला कोई नहीं दिखाई देता। ऐसे में हम जाएं तो जाएं कहां जाएं
जनप्रतिनिधि है जिम्मेदार
गृहणी विमला यादव ने समस्याओं के लिए जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदार ठहराते हुए अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि हमारी जिंदगी इस क्षेत्र में बीत गई लेकिन आज तक किसी ने भी क्षेत्र की सड़क और सीवर के लिए कोई भी कार्य नहीं किया। लेकिन उम्मीद अभी जिंदा है की एक दिन सब कुछ ठीक हो जाएगा।
सिर्फ कीचड़ -पानी ही देखा
मनोज यादव का कहना था कि आंख खुलते ही हमने बचपन से सिर्फ इस क्षेत्र में कीचड़ पानी ही देखा है।कभी भी कोई साफ सफाई की व्यवस्था प्रशासन की तरफ से देखने को नहीं मिली । चुनाव का समय छोड़कर कभी भी इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि हम लोग की समस्याओं को सुनने के लिए नहीं आए हैं।
घर छोड़ने को लोग मजबूर
विवेक श्रीवास्तव उर्फ विक्की का कहना था कि 10 वर्ष पूर्व उन्होंने इस क्षेत्र में अपना एक मकान बनवाया लेकिन सड़क, सीवर और गंदगी के चलते उन्हें मजबूरी में अपने घर को छोड़ दूसरे जगह जाकर रहना पड़ रहा है। कई और लोग है जो परेशान होकर क्षेत्र से पलायन को मजबूर हैं। समस्याओं का निराकरण न किया जाना चिंता का विषय है।
बच्चों को लेकर रहती है चिंता
अध्यापिका सीमा का कहना था कि इस क्षेत्र की सड़कें इतनी सकरी हैं कि अगर किसी के घर में कोई इमरजेंसी पड़ जाए तो घर तक एंबुलेंस या डॉक्टर की सुविधा तुरंत पहुंचा पाना असंभव है। बच्चे जब स्कूल जाते हैं तो खराब सड़कों के चलते यह डर बना रहता है कि वह सकुशल कैसे घर पहुंचेंगे।