भाजपा से राधेमोहन की नजदीकियां कर रहीं बड़ा इशारा


गाजीपुर (काशीवार्ता)। जिला पंचायत अध्यक्ष एवं एक बार लोकसभा सदस्य रहे सपा के पूर्व नेता राधेमाहन सिंह का सियासी भविष्य राजनीतिक के जानकार अब ब्राइट मानकर चल रहे हैं। उनकी भाजपा से इधर बीच नजदीकियां काफी सुर्खियां बटोर रही हैं। उन्हें कई बार भाजपा जिलाध्यक्ष के साथ अक्सर कार्यक्रमों में देखा जा रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूर्व सपा नेता से राधेमोहन सिंह भाजपा नेता कहलाने वाले हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि वह भाजपा के सीनियर नेताओं से मिलकर पार्टी में शामिल होने की तैयारी में हैं। हालांकि राधेमोहन सिंह कहते हैं कि बिन बादल बरसात अच्छी नहीं लगती और बिन लगन बिना विवाह अच्छा नहीं माना जाता है। उनके इस बयान को सियासी पंडित अपने नजरिए से देखते हैं। उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव के नजदीक आने से पहले वह भाजपा का दामन थामकर सपा को चुनौती पेश कर सकते हैं।
करमपुर स्टेडियम की माटी से निकलने वाले हाकी के खिलाड़ियों को देश स्तर पर पहचान दिलाने वाले स्व. तेजू सिंह के भाई पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह फिर चर्चा में हैं। पिछले दिनों वह एक कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह के साथ देखे गए थे। कई मौकों पर भाजपा नेताओं के दिल में जगह बनाने वाले पूर्व सांसद को लेकर चचार्एं तेज हैं। करीब दो माह पहले उन्होंने एमएलसी चुनाव के दौरान ही अचानक समाजवादी पार्टी से त्यागपत्र देकर सांसद अफजाल अंसारी एवं उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि पूरी समाजवादी पार्टी गाजीपुर की अंसारियों के इशारे पर चल रही है। अन्य नेताओं का कोई वजूद नहीं है।
खैर छोड़िए। अब राधेमोहन की राहें सपा से जुदा हो चुकी हैं। बसपा में वो जान नहीं सकते। अब भाजपा ही बची है, जहां पर राधेमोहन के डूबते हुए सियासी सितारे बुलंदियों पर पहुंच सकते हैं। अभी मनोज सिन्हा की सियासी पारी खत्म नहीं हुई है। अगर पार्टी उन्हें दोबारा गाजीपुर भेजती है तो राधेमोहन भाजपा में आने के बाद वेटिंग में चले जाएंगे। यही कारण है कि वह भाजपा में जाने से पहले यह पूरी तरह से पक्का होना चाहते हैं कि उन्हें 2024 का टिकट मिलेगा। यह एक यक्ष प्रश्न है। इसका जवाब किसी के पास नहीं है।