पूर्वांचल के लिए खोला योजनाओं का पिटारा


वाराणसी/लखनऊ। उत्तर प्रदेश का बहुप्रतीक्षित बजट वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विस में पेश किया। प्रारंभिक तौर पर पूर्वांचल के लिए प्रदेश सरकार ने राहत का पिटारा खोला है। पूर्वांचल में विकास की चिंता बजट में भी स्पष्ट परिलक्षित हो रहा है। वहीं प्रदूषण, रोजगार, विकास, सड़क, बिजली, पानी और शिक्षा के लिए पूर्वांचल को भी बजट में महत्व दिया गया है। जबकि एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का उत्तर प्रदेश के लिए लक्ष्य तय किया गया है।
बजट में वाराणसी में संस्कृति केंद्र की स्थापना के लिए जहां 180 करोड़ की व्यवस्था की गई है वहीं दूसरी ओर काशी विश्वनाथ कारीडोर और सुंदरीकरण के लिए 200 करोड रुपये दिए गए हैं। वाराणसी में प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए इलेक्ट्रिक बसों का भी बजट में प्रावधान किया गया है। आजमगढ़ में नए राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना की तैयारियों पर भी सरकार ने अपनी मंशा बजट में प्रदेश के तीन अन्य विवि के साथ की है। वहीं पूर्वांचल निधि के लिए 300 करोड़ रुपये की अतिरिक्त व्यवस्था कर पूर्वांचल के विकास की रुपरेखा तय की है।
वहीं युवाओं के लिए हर जिले में ‘युवा हब’ के लिए अलग बजट की व्यवस्था की गई है। खेती किसानी के लिए ‘हर खेत को पानी’ योजना में बोरिंग के लिए भी बजट में व्यवस्था है। वहीं पूर्वांचल के सोनभद्र और आजमगढ़ में मौजूद रीजनल एयरपोर्ट के लिए 92 करोड़ 50 लाख रुपए प्रस्तावित हैं। देश के सबसे पिछड़े कुछ जिलों में सोनभद्र सहित पूर्वांचल के भी जिले शामिल हैं। ऐसे में राज्य नीति आयोग का गठन किया जायेगा जो ऐसे जिलों में विशेष योजनाएं तैयार करेगा। पर्यटन को गति देने के लिए वाराणसी में पर्यटन सुविधाओं के विकास और सुंदरीकरण के लिए 100 करोड़ रुपए दिए गए हैं। वहीं बलिया लिंक एक्सप्रेस वे के लिए 200 करोड़ रुपए मिले हैं। इसके अलावा भदोही जिले में पशु चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापन की जानी है।