मस्तिष्क व कंप्यूटर के तालमेल से हो रहा टेक रिवोल्यूशन


वाराणसी(काशीवार्ता)। इंजीनियरिंग और प्रबंधन की शिक्षा देने वाले पूर्वांचल के अग्रणी संस्थान अशोका इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी एंड मैनेजमेंट में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार टेक यात्रा-2022 में नई दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट आफ इंफार्मेशन टेक्नालाजी में इमेज प्रोसेसिंग के विशेषज्ञ प्रो. तमम टिल्लो ने कहा कि इंसानी दिमाग व कंप्यूटर के बेहतर तालमेल से दुनिया के हर कोने में तकनीक क्रांति हो रही है. कंप्यूटर की भाषा हमारे दिमागी सोच पर निर्भर करती है। कालेज आफ इंजीनियरिंग पुणे के निदेशक प्रो.मुकुल सुतने ने कहा कि हर आदमी शिक्षक होता है। हर किसी से कुछ न कुछ सीखना चाहिए। प्रो.मुकुल ने कहा कि कुछ लोग थोड़ा पढ़कर काम करना छोड़ देते हैं, और थोड़ा पढ़कर गांव छोड़ देते है और कुछ ज्यादा पढ़कर देश छोड़ देते हैं। इंसान की यह धारण गलत है। आदमी को खेती के रास्ते से होते हुए विकास के रास्ते पर बढ़ना चाहिए। इनोवेशन के उपयोगिता की चर्चा करते हुए कहा कि प्रयोगशालाओं में किए गए इनोवेशन की तब तक कोई वैल्यू नहीं है जब तक उसे बाजार में अहमियत नहीं मिलती है। मुजफ्फरनगर के एसडी कालेज आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नालाजी के निदेशक प्रो.एसएन चौहान ने तकनीक प्रबंधन एवं पर्यावरण पर टीचर्स और स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय दृष्टिकोण हमारी सनातन मान्यता है। उसमें मानव कल्याण निहित है। चाहे तकनीकी विकास हो, प्रबंधन की योजनाएं हों अथवा उसके दोहन व संरक्षण का तरीका हो, सभी भारतीय ज्ञान परंपरा के अनुरूप होना चाहिए। तभी दीर्घजीवी विकास की परिकल्पना की जा सकती है। मुजफ्फरनगर के एसडी कालेज आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नालाजी के डा.ए.कीर्तिवर्धन ने कहा कि तकनीक का मकसद अनावरण होता है। समर्पण की भावना किसी भी कवि का दृष्टिकोण होता है। जब हम विज्ञान को संस्कार, सभ्यता और संस्कृति से जोड़ते हैं तो विद्वान बनते हैं।
सेमिनार में अशोका इंस्टीट्यूट के चेयरमैन अंकित मौर्य और वाइस चेयरमैन अमित मौर्य ने देश-विदेश से आए इंफार्मेशन टेक्नालाजी के विशेषज्ञों का स्वागत किया। निदेशक डा.सारिका श्रीवास्तव ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन एसोसिटेएट प्रोफेसर डा.वंदना दुबे, डा.प्रीति सिंह, ई0 अरविन्द कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर पल्लवी सिंह, शमीर्ला सिंह और अनुजा सिंह ने किया।