चेयरमैन पद पर कब्जा जमाने की होड़


जमानियां/गाजीपुर (काशीवार्ता)। नगर पालिका जमानियां में चेयरमैन पद के संभावित उम्मीदवारों ने अभी से ताल ठोंकना शुरू कर दिया है। इस बार के चुनाव में मौजूदा चेयरमैन के भ्रष्टाचार का भी मुद्दा भी खूब जोर शोर से उठाया जा रहा है। यहां पर चेयरमैन ने लाखों की धनराशि खुद गड़प कर ली। डीएम की जांच में भी घोटाले की पुष्टि हुई थी। इसको लेकर भाजपाइयों ने आंदोलन भी किया, मगर चेयरमैन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। अपनी बदहाली पर आंसू बहाने वाली जमानियां नगर पालिका में विकास कोसो दूर है। इसको लेकर लोगों ने आपस में चर्चा की और एक बेहतर उम्मीदवार उतारने का संकल्प दोहराया।
जमानियां नगर पालिका में जितने भी चेयरमैन हुए, सबने अपना विकास कराया। जबकि जमानियां इसी तरह से बदहाल रह गया। गंगा के किनारे बसी जमानियां नगर पालिका में कुछ भी ऐसा नहीं है जिसे याद किया जाए। यहां की टूटी सड़कें, बजबजाती नालियां ही जमानियां की बड़ी पहचान बन गई हैं। जबकि यह पौराणिक धरती है। मौजूदा चेयरमैन ने भी खूब बहती गंगा में हाथ धोया। यहां पर खूब लूट मची। विकास के पैसे की बंदरबांट हुई। भाजपा नेता जयप्रकाश गुप्ता ने खूब आंदोलन किया। कई महीनों तक धरना प्रदर्शन हुआ। फिर भी चेयरमैन खेमा हमेशा से भारी रहा। जयप्रकाश गुप्ता नगर पालिका में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते रहे, लेकिन चेयरमैन ने अपनी ताकत के बदल पर भाजपाइयों को झुका दिया।
देखा जाए तो मौजूदा समय में गीता देवी पत्नी जयप्रकाश गुप्ता, समीम आरा पत्नी रहमतुल्लाह बाबू, गीता यादव पत्नी अनिल यादव, अनिल गुप्ता पूर्व चेयरमैन, कंचन वर्मा पत्नी संतोष वर्मा, माया सिंह, प्रेमलता देवी माता नारायण दास चौरसिया, निगार सुल्ताना पत्नी रेहान सिद्दीकी, लालू यादव और खालिद खान नगर पालिका के चेयरमैन बनने का सपना पाले हुए हैं। इन संभावित प्रत्याशियों ने नगर की सियासत में एक तरह से हलचल मचा दी है। वैसे इस बार के चुनाव में भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा होगा। इस संबंध में जमानियां में लोगों से जब बात की गयी तो सभी ने कहा कि इस बार बदलाव जरूरी है। क्योंकि यहां पर विकास के बहुतेरे काम अधूरे पड़े हुए हैं।