चंचल के चाचा राजदेव का समाजवादी दांव


(अजीत सिंह)
गाजीपुर (काशीवार्ता)। सियासत के रंग हजार होते हैं। खाने के दांत और दिखाने के दांत में जमीन आसमान का फर्क होता है। एक ही परिवार में अगर भगवा और समाजवादी झंडा हो तो वह परिवार समाज की नजर में खास हो जाता है। ऐसा ही कुछ इस समय भाजपा एमएलसी विशाल सिंह चंचल के परिवार में चल रहा है। बसपा के टिकट पर एमएलसी रहे राजदेव सिंह अब समाजवादी पार्टी से वाराणसी की शिवपुर एवं गाजीपुर की सदर सीट से टिकट मांग रहे हैं। अखिलेश के अंबेडकरनगर दौरे के दौरान उनकी फोटो सोशल मीडिया पर दिखाई दी थी। तब से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर सपा मुखिया ने राजदेव को साइकिल पर सवार किया तो चंचल भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में कैसे प्रचार करेंगे। जबकि राजेदव का कहना है कि वह 2017 से समाजवादी पार्टी में हैं और समाजवादी झंडे को ऊंचा करना ही हमारा एक मात्र मकसद है।
बसपा के टिकट पर मायावती के शासनकाल में एमएलसी बने तेतारपुर गांव निवासी राजेदव सिंह भाजपा एमएलसी विशाल सिंह चंचल के सगे चाचा हैं। उनका भी अपना खुद का वाराणसी में कारोबार है। और चंचल ने भी उनको एमएलसी बनाने में अपनी अहम भूमिका अदा की थी। उस समय चंचल की उम्र बेहद कम थी, लेकिन उसी समय से राजनीतिक समझदारी दिखने लगी थी। चाचा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भतीजे चंचल की नजर एमएलसी सीट पर टिक गई। उन्होंने सपा से नजदीकियां बढ़ाना शुरू किया। वह शिवपाल के करीबी बने और टिकट मांगने लगे। लेकिन पूर्व मंत्री ओपी सिंह ने अपने करीबी डा. सानंद सिंह को टिकट दिला दिया। उस समय दिलेरी दिखाते हुए चंचल ने निर्दल चुनाव लड़ने का फैसला किया और सपा उम्मीदवार को चित कर दिया। इधर जब भाजपा की लहर आई तो तत्कालीन केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा से प्रभावित होकर वह भाजपा में शामिल हो गए। यहां पर एक कदम आगे बढ़ाते हुए वह मुख्यमंत्री के करीबी हो गए। अब सियासत में चैका छक्का लगा रहे हैं। इधर उनके चाचा का जब बसपा से मन भर गया तो उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले सपा का दामन थाम लिया और शिवपुर से दावेदारी ठोंक दी। उस समय वह नए थे, इसलिए टिकट नहीं मिला। अब सपा में वह पुराने हो गए और एमएलसी उदयवीर से नजदीकियों के कारण वह अखिलेश के करीब पहुंच चुके हैं। उन्होंने वाराणसी की शिवपुर और गाजीपुर की सदर सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। जब पिछले दिनों अखिलेश अंबेडकरनगर नगर के दौरे पर थे, तब राजेदव की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई। जब राजेदव सिंह से हमारे संवाददाता ने सवाल दागा कि क्या आप सपा में हैं तो उन्होंने सधा हुआ जवाब दिया। बोले, मैं तो 2017 से ही सपा में हूं। उस समय भी शिवपुर से टिकट मांग रहा था और आज भी मांग रहा हूं। इसके साथ ही गाजीपुर की सदर सीट भी हमारी पसंद है। कहा कि टिकट का फैसला सपा सुप्रीमो करेंगे। जब तक टिकट मिल न जाए तब तक कुछ भी कहना जल्दीबाजी होगी। सियासत के जानकार मानते हैं कि अगर चंचल के चाचा सपा से ताल ठोेंकेंगे तो उनका प्रभाव भाजपा में कम होगा। साथ ही उनको 2022 के चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने में भी मुश्किल होगी। इसके अलावा उनके रिश्तेदार डा. मुकेश सिंह जंगीपुर में बसपा से टिकट मांग रहे हैं। उनका टिकट लगभग फाइनल बताया बताया जा रहा है। यही नहीं डा. मुकेश के छोटे भाई पंकज सिंह भी जंगीपुर से भाजपा से टिकट मांग रहे हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह से जब इस मुद्दे पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि सभी स्वतंत्र हैं। मैं भाजपा में हूं तो भाजपा को मजबूत करने के लिए सोचती हूं। क्योंकि भाजपा के टिकट पर जिला पंचायत अध्यक्ष हूं और इस समय सैदपुर का प्रभार मिला हुआ है। सैदपुर में 40 हजार से अधिक नए कार्यकतार्ओं को जोड़कर भाजपा प्रत्याशी को जीत दिलाना ही मेरा एकमात्र मकसद है।