पैरेंट्स होते हैं बच्चों के पहले डॉक्टर


अकसर माता-पिता बच्चों के खेलते समय जलने, कटने या खून निकल आने जैसी सामान्य समस्याओं से परेशान रहते हैं, लेकिन बचपन का तो नाम ही धमा-चौकड़ी और शैतानी है। आप चाहें कितना भी ध्यान रख लें, बच्चों को अकसर चोट लग ही जाती है। ऐसी स्थिति में कुछ माता-पिता तो घबराकर फौरन डॉक्टर के पास भागते हैं, लेकिन कुछ सूझ-बूझ से काम लेते हैं। पर इसके लिए बहुत जरूरी है कि आपको घर पर दिए जाने वाले फर्स्ट-एड यानी प्राथमिक उपचार की ठीक-ठीक जानकारी हो। हालांकि इसका मतलब यह कतई नहीं है कि आप हर बार डॉक्टर के पास जाने की बजाय घर पर ही उपचार शुरू कर दें, इसका अर्थ यह है कि मामूली चोट लगने पर बच्चे को सही और फायदेमंद घरेलू उपचार देने के बारे में आपको पता होना चाहिए।


अगर चोट लग जाए तो- चोट लग जाने पर अगर खून निकल रहा हो तो सबसे पहले उसे रोकने का उपाय करना चाहिए। इसका सबसे अच्छा तरीका है कि चोट वाली जगह को पानी से धोएं और अगर तब भी खून बहना बंद ना हो तो उस स्थान पर फिटकरी या बर्फ रगड़ें। इससे खून बहना बंद हो जाएगा। वैसे आॅफ्टर शेव लोशन लगाने से भी खून बहना बंद हो जाता है। इसके बाद चोट पर कोई एंटीसेप्टिक लोशन जरूर लगाएं। फिर एक साफ सूती कपड़े से चोट पर पट्टी बांध दें।
मोच आ जाने पर- बच्चे इतनी उछल-कूद मचाते हैं कि उनका पैर अकसर मुड़ जाता है, जिसकी वजह से कभी-कभी मोच भी आ जाती है और मोच वाले स्थान पर सूजन भी आ सकती है। ऐसे में मोच वाली जगह पर बर्फ की सिंकाई करने से बहुत आराम मिलता है, साथ ही कोई दर्द निवारक लोशन लगाकर गर्म पट्टी बांधने से भी मोच जल्दी ठीक होती है।
नाक से खून आने पर- नकसीर फूटने की स्थिति में नाक से खून आने लगता है, लेकिन ऐसे में घबराने की बजाय समझदारी से काम लें और फौरन बच्चे के दोनों हाथ ऊपर करवाकर सिर के पीछे की तरफ झुका दें। इससे खून बहना बंद हो जायेगा। इसके बाद एक गीले रूमाल से नाक को करीब दस मिनट तक ढक कर रखें, ताकि वह खून को पूरी तरह सोख ले। खून बहना बंद न हो तो नाक के आस-पास बर्फ लगाएं। इससे भी राहत न मिले तो डॉक्टर से संपर्क करें।
बार-बार उल्टी होना- बच्चे अक्सर बाहर कुछ भी खा लेते हैं, जिससे उन्हें अपच या उल्टी की शिकायत हो जाती है। ऐसे में नमक-चीनी का घोल बनाकर बच्चे को पिलाएं, ताकि उल्टी से शरीर में पानी की कमी ना होने पाए, साथ ही नारियल पानी या शिकंजी जैसे पेय भी पिलाएं, लेकिन पैक्ड ड्रिंक न पिलाएं। इलायची के दानों को तवे पर भून कर उसका चूर्ण बना लें और 2-2 ग्राम चूर्ण शहद के साथ मिलाकर बच्चे को दिन में तीन बार चटाने से राहत मिलती है।
पेट में दर्द हो तो- पेट दर्द एक ऐसी समस्या है, जो बच्चों में सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। ऐसे में सबसे पहले बच्चे को गुनगुने पानी में थोड़ा-सा काला नमक मिलाकर पिलाएं। यदि बच्चा छोटा है तो उसकी नाभि के चारों ओर पानी व हींग का घोल लगाएं। इससे यदि उसे गैस का दर्द होगा तो फौरन राहत मिलेगी। यदि बच्चा बड़ा है तो उसे तवे पर थोड़ी-सी अजवायन भून कर उसका चूर्ण बना कर गुनगुने पानी से खाने को दें। पेट छूने पर सख्त लग रहा हो तो गर्म कपड़े से सिंकाई करें।
जल जाने पर क्या करें- यदि किसी दुर्घटनावश बच्चा थोड़ा-बहुत जल जाए तो सबसे पहले प्रभावित हिस्से को नल के बहते पानी के नीचे रखें। इससे जलन में राहत मिलेगी और छाले नहीं पड़ेंगे। जले हुए स्थान पर कोई तेल या क्रीम बिल्कुल न लगाएं। प्रभावित अंग को किसी कपड़े से ढकें नहीं।