वाराणसी में धनतेरस पर बाजारों में सुबह से ही खरीदारों की भीड़


वाराणसी, । कोरोना महामारी के बीच देश इस बार दीपावली का त्योहार मना रहा है। तकरीबन आठ माह के व्यापारिक वनवास के बाद एक बार फिर देशभर के बाजार गुलजार हैं। गुरुवार को धनतेरस के मौके पर सुबह से ही बाजारों में ग्राहकों की काफी भीड़ देखने को मिल रही है। विगत कुछ दिनों से बाजार में काफी रौनक भी काफी देखने को मिल रही है। शो रूम से लेकर सड़कों पर लगने वाली दुकानों में स्‍टाक काफी है। लोगों की पसंद के अनुसार वस्‍तुएं उपलब्‍ध हैं।

कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के पूर्वांचल प्रभारी अखिलेश मिश्रा के अनुसार इस दीपावली में देश भर के बाजारों में तकरीबन 60 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का अनुमान लगाया है। कैट के आह्रवान पर देशभर के बाजारों में चीनी वस्तुओं का बहिष्कार हो रहा है। विशेष बात यह कि एक ओर जहां व्यापारी चीनी सामान नहीं बेच रहे, वहीं दूसरी ओर उपभोक्ता भी पूरी तरह स्वदेशी अपना रहे हैं। इससे चीन को चीन को करीब 40 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होना तय है। कैट ने देश के विभिन्न राज्यों के शिल्पकारों, हस्तकला कारीगरों एवं अन्य प्रमुख वस्तुओं को बनाने वाले लोगों से संपर्क कर उनके द्वारा बनाए गए सामानों को देश भर में व्यापारी संगठनों की शृंखला के द्वारा एक बड़ा लोकल बाजार उपलब्ध कराया है।

त्योहार के मद्देनजर जमकर खरीदारी हो रही है। आठ महीने के व्यापारिक वनवास से मुक्ति मिलने से व्यापारी बहुत उत्साहित हैं। कैट के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल एवं प्रदेश चेयरमैन संजय गुप्ता ने बताया कि धनतेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भैया दूज, छठ पूजा एवं तुलसी विवाह मनाने के लिए बाजारों में खिलौने, ड्राई फ़्रूट, गिफ्ट, रेडीमेड गारमेंट््स, वस्त्र, सौंदर्य प्रसाधन, मोबाइल, इलेक्ट्रानिक आइटम, होम फर्निङ्क्षशग, बर्तन, होम अप्लायंसेज, दुकान एवं घर सजाने का सामान, एफएमसीजी उत्पाद, उपभोक्ता के रोजाना के काम में आने वाली वस्तुएं, मिठाइयां आदि की मांग पिछले दो दिनों में बढ़ी है। वहीं धनतेरस के मौके पर सोना-चांदी, बर्तन एवं रसोई के सामान के व्यापारी बड़े व्यापार की उम्मीद कर रहे हैं।

खरीद को आसान बना रहे डिजिटल पेमेंट

पीएम मोदी के वोकल फार लोकल नारे को बुलंद करते हुए स्थानीय बाजारों को मजबूत करने का सिलसिला जारी है। इसमें फर्नीचर बाजार तनिक भी पीछे नहीं है। फाइनेंस सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही डिजिटल पेमेंट ने ग्राहकों की खरीद क्षमता को कई गुना बढ़ा दिया है। डेबिट-क्रेडिट कार्ड के साथ ही मोबाइल बैंङ्क्षकग, पेटीएम, गूगल पे आदि के माध्यम से भुगतान जैसी सुविधा के कारण मध्य वर्ग ही नहीं निम्न आय वर्ग वालों में भी फर्नीचर खरीद की ललक बढ़ी है।

… और बदल गया खरीदारी का तरीका

लाकडाउन के दौरान फर्नीचर कारोबार भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ था। सहालग के वक्त पर जब फर्नीचर की काफी खरीददारी होती है, ऐसे वक्त में कोरोना संकट की वजह से फर्नीचर कारोबार पूरी तरह से बंद रहा। इसका असर इससे जुड़े दूसरे व्यवसायों पर भी पड़ा। मसलन प्लाईवुड, मैट्रेस, गद्दे, फोम और हार्डवेयर की बिक्री भी प्रभावित रही। एक तरह से फर्नीचर बाजार को बंदी से समानानंतर डैमेज झेलना पड़ा। लाकडाउन हटने के बाद हालात बदले और अब काफी हद तक इस डैमेज की भरपाई होने लगी है। इस मुश्किल वक्त में खरीदारी का तौर-तरीका भी थोड़ा बदल गया है। लोग शोरूम का वर्चुअल टूर करके अपनी पसंद का फर्नीचर चुन रहे हैं। आनलाइन पेमेंट के बाद 24 घंटे के भीतर होम डिलीवरी ने स्थानीय दुकानदारों व ग्राहकों के बीच भरोसे को बढ़ाया है।