जिले के ढाई सौ शिक्षकों के वेतन पर संकट के बादल


गाजीपुर (काशीवार्ता)। डीबीटी सत्यापन का कार्य पूरा नहीं करने वाले 88 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय के करीब 250 शिक्षकों का वेतन रोकने के बाद विभाग में खलबली मची हुई है। बीएसए ने साफ कहा कि पहले डीबीटी फिर वेतन के संबंध में विचार किया जाएगा। इसको लेकर मंगलवार को विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अनंत सिंह के नेतृत्व में शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल बीएसए हेमंत राव से मिला, लेकिन बीएसए ने साफ कहा कि दशहरे तक वेतन चाहिए तो काम पूरा करें, वर्ना नहीं मिलेगा।
परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के बैंक खाते में प्रोत्साहन योजना की निर्धारित धनराशि भेजी जानी है। बच्चों को डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) के जरिए दी जाने वाली धनराशि के लिए जरूरी आधार का सत्यापन का कार्य कराया जा रहा है, इसका जिम्मा शिक्षकों को सौंपा गया है। लेकिन जिले में कार्य निर्धारित तारीख तक नहीं हो पाया, जिस पर बीएसए ने 88 विद्यालयों के करीब ढाई सौ अध्यापकों का वेतन रोक दिया।
इसी संबंध में विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अनंत सिंह के नेतृत्व में शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक से मिला। उन्होंने सभी शिक्षकों के सितंबर माह के वेतन का भुगतान दशहरा पर्व पर करने की मांग का ज्ञापन सौंपा। इस पर बीएसए ने शिक्षकों को आश्वस्त किया कि अगर डीबीटी का कार्य शिक्षकों की ओर से जल्द पूरा कर लिया जाता है तो किसी शिक्षक का भी वेतन नहीं रुकने दिया जाएगा। डीबीटी का कार्य शासन की प्राथमिकता में है। प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा. दुर्गेश प्रताप सिंह, राजेश्वर चौहान, मिथिलेश सिंह आदि शामिल थे। उधर प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष दिनेश यादव ने बताया कि दशहरा का पर्व शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण होता है। बीएसए को इस पर ध्यान देना चाहिए।