ड्राई राशन वितरण में करोड़ों डकारे


(अजीत सिंह )
गाजीपुर (काशीवार्त)। बाल विकास पुष्टाहार विभाग की ओर से संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर ड्राई राशन वितरण में बड़ा घोटाला सामने आया है। सैदपुर ब्लाक के करीब 314 आंगनबाड़ी केंद्रों पर तय मानक से आधा ही राशन वितरित किया जा रहा है। जबकि अन्य ब्लाकों में मानक के अनुसार राशन वितरित किए जा रहे हैं। इस तरह से करीब ढाई वर्ष में तीन करोड़ से अधिक की धनराशि वहां के अधिकारी एवं कर्मचारी मिलकर डकार गए। सामाजिक परिवर्तन मोर्चा के पदाधिकारियों ने इस मामले की जांच की मांग डीएम एमपी सिंह से किया है। कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मिलने वाले ड्राई राशन में बड़ा खेल किया जा रहा है। सैदपुर ब्लाक के 260 आंगनबाड़ी केंद्रों एवं 54 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों पर दस हजार 72 किलो चने की दाल, तेल 6314 पैकेट और गेहूं की दलिया 10 हजार 72 किलो की कटौती करके हर माह करीब 20 लाख रुपए का खेल सिर्फ एक ब्लाक से किया जा रहा है। जबकि शासन का निर्देश है कि प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों पर चने की दाल 60 किलो, गेहूं की दलिया 60 एवं 50 पैकेट से अधिक तेल होना चाहिए। मगर सैदपुर ब्लाक में डीएम एवं डीपीओ की आंखों में धूल झोंककर इस खेल को अंजाम दिया जा रहा है। इसमें वहां की सीडीपीओ सोनम सिंह एवं लिपिक की बड़ी भूमिका सामने आई है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का कहना है कि हम लोग बार बार यह शिकायत कर रहे हैं कि आखिर किन वजहों से सैदपुर ब्लाक के आंगनबाड़ी केंद्रों को कम ड्राई राशन वितरित किया जा रहा है। इसकी शिकायत राशन वितरित करने वाली संस्था समूहों की संचालिका भी कर रही हैं। अगर सैदपुर की जांच करा दी जाए तो वहां की सीडीपीओ एवं सुपरवाइजरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है। यह खेल सैदपुर में दिसंबर 2020 से चल रहा है। जो अभी तक जारी है। सैदपुर की एक सुपरवाइजर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि अब इस ब्लाक में तीन करोड़ से अधिक का खेल हो चुका है। इस प्रकरण की जांच हुई तो कई जिम्मेदार अफसरों की गर्दन नपेगी। जब इस मामले में सीडीपीओ सोनम सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह कार्यालय में नहीं हैं। कार्यालय में पहुंचकर ही बता सकती हैं कि एक केंद्र पर कितना ड्राई राशन वितरित किया जाता है। अब सवाल यह उठता है कि अगर सीडीपीओ को राशन वितरण की जानकारी नहीं होगी तो ब्लाक कैसे चलता होगा। यह भी एक बड़ा सवाल है। इतनी बड़ी लापरवाही होने के बाद भी यहां की सीडीपीओ को सैदपुर के बाद देवकली का भी अतिरिक्त प्रभार डीपीओ कार्यालय से सौंपा गया है। जो अपने आप में बड़ी गड़बड़ी की ओर इशारा करता है।