काशी में ई-क्रूज निर्माण शुरू


वाराणसी। उद्योग और तकनीक में विकासशील वाराणसी में अब गंगा की लहरों पर ‘मेड इन काशी’ क्रूज रफ्तार भरेंगे। मेक इन इंडिया के तहत क्रूज निर्माण का शुभारंभ बुधवार यानी 26 अप्रैल से हो गया। प्रदेश की पहली इकाई वाराणसी के मल्टी मॉडल टर्मिनल रामनगर में स्थापित की गई है। केरल की कंपनी पहले चरण में तीन नए क्रूज का निर्माण शुरू करेगी, इसके बाद अन्य क्रूज बनाकर निजी क्षेत्रों में भी देगी। जल परिवहन का केंद्र बनकर उभरे रामनगर स्थित मल्टी मॉडल टर्मिनल में क्रूज निर्माण इकाई भी स्थापित की गई है। इसमें सिंगल और डबल डेकर क्रूज निर्माण का आगाज हो गया। क्रूज निर्माण के लिए रामनगर मल्टी मॉडल टर्मिनल के दूसरी ओर मदरवा गंगा तट पर वर्कशॉप स्थापित किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक डबल डैकर क्रूज आधुनिक उपकरणों से लैस होगा, यह सौर उर्जा से चलेगा। दो तल वाले क्रूज का पहला तल वातानुकूलित होगा। इसमें 63 सीटें होंगी। सब कुछ ठीक रहा तो वाराणसी भी जल परिवहन की दिशा में दुनिया के सामने नई मिसाल पेश करेगा।
पहले क्रूज का नाम आदित्यगंगा
प्रदेश की पहली क्रूज निर्माण इकाई में मेड इन काशी का पहला क्रूज आदित्य गंगा के नाम से जाना जाएगा। यह क्रूज आगामी अगस्त से ही गंगा की लहरों के बीच चलेगा। दूसरी तरफ, डबल डेकर आदित्य गंगा का निर्माण पूरा होने के बाद केरल की कंपनी ने तीन नए क्रूज का निर्माण शुरू कर दिया है। फ्रेंच तकनीक से बनने वाले इस क्रूज में सैलानियों की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जाएगा। आदित्य गंगा क्रूज पूरी तरह से मेड इन इंडिया होगा। सभी उपकरण भारतीय उत्पाद से तैयार किए गए हैं। ज्यादातर सामान केरल से मंगाए जा रहे हैं। इस क्रूज का पूरा स्ट्रक्चर वाराणसी में ही तैयार किया जा रहा है। यह क्रूज पूरी तरह से सोलर से संचालित किया जाएगा। सूरज की रोशनी में यह 14.8 किमी रफ्तार से चलेगा। साथ ही सूरज रोशनी की खत्म होने के बाद यह आॅटोमेटिक ही बैटरी बैकअप पर आ जाएगा। इसमें तीन घंटे का बैटरी बैकअप होगा। क्रूज ईकाई में आदित्य गंगा क्रूज निदेशक प्रियांक देव सिंह ने बताया कि केरल की शिपयार्ड कंपनी काशी में फ्रेंच तकनीक पर आधारित तीन क्रूज का निर्माण करेगी। संस्था ने बनारस में डबल डेकर क्रूज आदित्य गंगा का निर्माण शुरू कर दिया है। अगस्त तक पहले क्रूज का निर्माण पूरा करा लिया जाएगा। पर्यटक इस पर सवार होकर गंगा आरती देख सकेंगे।