खाद्य तेल के बिल पर PM मोदी की चिंता, बोले- कृषि प्रधान देश होकर भी 70 हजार करोड़ का आयात


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि हमें देश के नागरिकों को ‘Ease Of Living’ और वैश्विक अवसरों को प्राप्त करने के लिए ‘ ‘Ease Of Doing Busines’ उब्लब्ध कराने की कोशिश करनी चाहिए.

नीति आयोग की गवर्निेग काउंसिल की छठी बैठक के उद्घाटन सत्र पर पीएम मोदी ने कहा कि भारतीयों की आकाक्षांओं को पूरा करने और उनका जीवन स्तर बेहतर बनाने के लिए ‘Ease Of Living’ बहुत आवश्यक है

कंप्लायंस कम करें
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें अपने नागरिकों के ऊपर से सरकारी कंप्लायंस का बोझ हटाना चाहिए. आज टेक्नोलॉजी का जमाना है, ऐसे में बार-बार एक ही दस्तावेज मांगने की जरूरत नहीं है. उन्होंने राज्यों से आगे आने का अनुरोध किया और कहा कि राज्य एक छोटी टीम बनाएं और नागरिकों पर कंप्लायंस के बोझ को कम से कम करने का काम करें. उन्होंने केंद्र सरकार में इसके निर्देश दिए हैं और सरकार के कैबिनेट सेक्रेटरी इसके लिए काम कर रहे हैं. यह देश के नागरिकों के ‘Ease Of Living’ के लिए बहुत जरूरी है.

कोरोना ने दिया अवसर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज कोरोना के वजह से हमें विश्व में एक अवसर प्राप्त हुआ है. इस अवसर का लाभ उठाने के लिए हमारी कोशिश रहनी होनी चाहिए ‘Ease Of Doing Business’. इसके लिए हमें अपने कानूनों में सुधार करना होगा और व्यवस्थाओं मे सुधार करना होगा. भारत की ग्लोबल पोजिशिनिंग और अवसर का लाभ उठाने के लिए ‘Ease Of Doing Business’ बहुत जरूरी है.

कृषि में भी किए सुधार
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम कृषि प्रधान देश कहे जाएं, इसके बावजूद हम 65 से 70 हजार करोड़ रुपये का खाद्य तेल विदेशों से लाते हैं. यह पैसा हमारे किसानों के खाते में जा सकता है. बस उसके लिए हमें योजनाएं बनाने की जरूरत है. हमने दाल में प्रयोग किया और अब हमें विदेशों से दालें लाने में कम लागत आती है.

बीते वर्षों में कृषि से लेकर, पशुपालन और मत्स्यपालन तक के लिए एक सकारात्मक पहल अपनाई गई है. इसका परिणाम है कि कोरोना के दौर में भी देश के कृषि निर्यात में काफी बढोतरी हुई है.

हमारे किसानों में सामर्थ्य है कि वह ऐसी कई खाद्य वस्तुओं को ना सिर्फ देश बल्कि दुनिया के लिए उगा सकते हैं. इसके लिए राज्यों को एग्रो क्लाइमेटिक रीजनल स्ट्रैटजी बनानी होगी.