गुनाहों के विकास का अंत


लखनऊ। यूपी पुलिस के आठ जवानों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे आज सुबह कानपुर में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। यूपी एसटीएफ की गाड़ी विकास को लेकर कानपुर आ रही थी। पुलिस के मुताबिक बर्रा के पास अचानक रास्ते में गाड़ी पलट गई। इस हादसे में चार सिपाही घायल हो गए। इसके बावजूद विकास पुलिस के चंगुल से बचकर भागने के फिराक में था। उसने मौका पाकर एसटीएफ के एक अधिकारी की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। इसी के बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। एसटीएफ ने विकास से हथियार रखकर आत्मसमर्पण करने को कहा। वह इसके बावजूद नहीं माना तो पुलिस को मजबूरन एनकाउंटर करना पड़ा। एनकाउंटर में गोली लगने के बाद हिस्ट्री शीटर विकास दुबे की मौत हो गई। कानपुर के बिकरु गांव में दो जुलाई की रात को आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर देशभर में सुर्खियों में आया उत्तर प्रदेश का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर विकास दुबे गुरुवार सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर में मिला था। छह दिन की तलाश के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, जिस कुख्यात अपराधी को लेकर कई राज्यों की पुलिस अलर्ट थी, उसकी गिरफ्तारी उतनी ही नाटकीय ढंग से हुई। यूपी के एडीजी कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि विकास दुबे ने पुलिस का हथियार छीनने की कोशिश की और भागने का प्रयास किया, जिसके बाद पुलिस द्वारा जवाबी फायरिंग की गई, जिसमें वो घायल हो गया। उन्होंने कहा कि अस्पताल ले जाने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया। हम जल्द ही आधिकारिक बयान जारी करेंगे। कानपुर में गैगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद इस मुठभेड़ में घायल पुलिसकर्मी को लाला लाजपत राय अस्पताल लाया गया है। पुलिस के मुताबिक इस मुठभेड़ में कुल 4 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। मध्य प्रदेश से विकास दुबे को वापस लाने वाला यूपी एसटीएफ के काफिले ने आज तड़के कानपुर में प्रवेश करने के लिए बारा टोल प्लाजा को पार किया। इसके कुछ देर बाद विकास दुबे पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। उसने पुलिस के काफिले में एक कार पलटने के बाद पुलिसकर्मियों की पिस्तौल छीनकर भागने की कोशिश की थी। गैंगस्टर विकास दुबे को वापस लाने वाले यूपी एसटीएफ के काफिले के साथ चल रहे मीडिया कर्मियों को पुलिस ने सुबह 6.30 बजे मुठभेड़ से पहले कानपुर के सचेंडी इलाके में रोक लिया था।