स्वस्थ भोजन हृदय संबंधी बीमारियों को रोकने में सहायक


वाराणसी (काशीवार्ता)। विश्व ह्रदय दिवस के अवसर पर मानवाधिकार जननिगरानी समिति, गरीब सहायक, पीपुल्स इनिशिएटिव फॉर पार्टिसिपेटरी एक्शन आॅन फूड लेबलिंग व विभिन्न संगठनों के संयुक्त तत्वाधान में स्वास्थ्य और पैक्ड फूड पर परिचर्चा का आयोजन ककरमत्ता स्थित एक होटल में किया गया। कार्यक्रम की रूप रेखा रखते हुए मानवाधिकार जननिगरानी समिति के संस्थापक संयोजक डॉ.लेनिन रघुवंशी ने कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने हाल ही में बहुप्रतीक्षित एक स्टार रेटिंग फूड लेबल आधारित एफओपीएल विनियम को जारी करके, उपभोक्ताओं को स्वस्थ विकल्प चुनने के अधिकार के बारे में चिंता बढ़ा दी है। नकारात्मक और सकारात्मक दोनों तरह के पोषक तत्वों के साथ खाद्य लेबलिंग उपभोक्ताओं को सचेत निर्णय लेने में मदद करने की बजाय भ्रमित करेगा। कहा कि इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली ने पीवीसीएचर के पेटीशन को प्राथमिकता देते हुए 20 जुलाई को मुख्य कार्यकारी अधिकारी, खाद्य सुरक्षा और भारतीय मानक प्राधिकरण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को नोटिस जारी किया कि सलाहकार समूह फोरम के परिणाम से आयोग को आठ सप्ताह के अंदर अवगत कराया जाए। गरीब सहायक संस्था की संयोजक रोशिनी कुशल जायसवाल ने कहा कि देश में विशेष रूप से बच्चों और युवाओं में एनसीडी के बढ़ते मामलों को देखते हुए, यह उचित समय है कि देश पोषण सम्बन्धी लेबलिंग पर ध्यान केंद्रित करे जो उपभोक्ताओं के लिए ‘चेतावनी लेबल’ के रुप में सबसे अधिक कारगर है। एपेक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल इंस्टिट्यूट की निदेधिका डा. अंकिता पटेल ने कहा कि भारत में हर साल लाखों लोग हृदय रोगों से ग्रस्त मिल रहे हैं। हार्ट अटैक के चलते मौतें भी लगातार बढ़ रही हैं। नियमित व्यायाम करने और सक्रिय जीवन जीने के साथ-साथ उच्च वसा, नमक, चीनी व तंबाकू के उपयोग से भरे अल्ट्रा-प्रोसेस फूड से बचकर हृदय रोग को रोका जा सकता है। परिचर्चा में लगभग 50 लोगो ने भागीदारी। धन्यवाद ज्ञापन सावित्री बाई फुले की संयोजिका श्रुति नागवंशी ने किया।