..जब काशी आकर शिवशंकरी हुए मोदी


(अभय प्रकाश)
वाराणसी (काशीवार्ता)। भव्य, नव्य एवं दिव्य काशीधाम की आज महाशिवरात्रि पर अद्भुत छटा देखने को मिली। वही शिवरात्रि से 2 दिन पूर्व काशी पधारे पीएम मोदी बूथ विजय सम्मेलन को संबोधित करने के बहाने अपने विजय अभियान के लिए पूरे पूर्वांचल को मथ गए। बाबा धाम के बहाने ही सही उन्होंने अपने शब्द बाणों से ऐसा भेदा कि विपक्ष की आह तक नहीं निकली और वे चारों खाने चित्त नजर आए। पीएम मोदी ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि ‘बाबा धाम के लोकार्पण के बाद सार्वजनिक रूप से मेरी मृत्यु की कामना की गई’ इससे बड़ा सुख व सौभाग्य क्या होगा कि देश की सेवा करते हुए मेरे जीवन का अंत काशी में हो। विपक्ष को मृत्यु की कामना करते देख मेरे मन को बहुत सुकून मिला। बताते चलें कि सपा सुप्रीमो ने पीएम पर तंज कसा था कि अंतिम समय में लोग काशी ही जाते हैं। इसी पर मोदी ने बिना नाम लिए ही विपक्ष पर कटाक्ष किया और अपने चाहने वालों के दिलों में एक बार फिर अपनी खास जगह बना ली। वाकपटुता में दक्ष मोदी वैसे भी कभी विपक्षी को अपने ऊपर हावी होने नहीं देते । अपनी दूरदर्शिता के चलते आज वे जिस मुकाम पर हैं उनके इर्द-गिर्द दूर-दूर तक कोई नेता या शख्सियत दिखाई नहीं देती। एक तीर से कई निशाने साधने में माहिर मोदी ने एक बार फिर काशीवासियों को अपनेपन का न केवल एहसास कराया बल्कि उन्हें अपना मुरीद बनाने में काफी हद तक सफल रहे। यूं कहें कि काशी आकर पीएम मोदी पूरी तरह से शिवशंकरी नजर आए। विपक्ष के विष को पीकर काशी ही नहीं पूर्वांचल को एक बड़ा संदेश दे गए। मोदी का यह संदेश पार्टी कार्यकर्ताओंं संग प्रत्याशियों में एक नया जोश भर गया है। जबकि पीएम का एक दौरा अभी शेष है। 4 मार्च को मोदी एक बार फिर बनारस आ सकते हैं । उनके द्वारा रोड शो किए जाने की भी संभावना है। ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि छठे और अंतिम चरण के चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों को समर्थन देने
के लिए मतदाताओं को पूरी तरह से मथ जाएंगे।