जेई करते रहे नोटिस जारी और बनते रहे अवैध भवन


वाराणसी(काशीवार्ता)। अवैध निर्माण की अगर बात करें तो सोनिया और बांसफाटक में हुए 2 अवैध निर्माण ऐसे उदाहरण है, जिसने दो मौतों के अभिशाप को झेला। इससे खास बात यह रही कि इन अवैध निर्माणकर्ताओं को प्राधिकरण ने निर्माण रोकने के लिए नोटिस भी जारी की पर वह भी इन मौतों को नहीं रोक पाई। गौरतलब है कि शहर में कहीं भी होने वाले अवैध निर्माण को रोकने की पूरी जिम्मेदारी विकास प्राधिकरण की होती है। इसके लिए निर्माणकर्ता को वार्ड के जेई द्वारा धारा-25 की नोटिस जारी की जाती है। जिसकी एक कॉपी क्षेत्रीय थाने को इस सूचना के साथ दी जाती है कि वह अवैध निर्माण न होने दें। लेकिन यहां पर पुलिस बहुत गंभीर नहीं दिखती। हालांकि नोटिस जारी होने के बाद विभाग द्वारा भवन सील करने की कार्रवाई की जाती है, फिर भी काम न रुकने पर ध्वस्तीकरण की नोटिस जारी होती है। इन सब के बीच खास बात यह होती है कि इस नूरा कुश्ती के बीच अवैध भवन बनकर तैयार हो जाते हैं। जारी नोटिस केवल दफ्तर की फाइलों की शोभा बढ़ाती हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार अब तक 22 हजार से अधिक अवैध निर्माणकर्ताओं को नोटिस जारी की जा चुकी है। कार्रवाई की बात करें तो मामला शून्य में नजर आता है। यह जरूर है कि जब कोई अनहोनी हो जाती है तो विभाग बुलडोजर और हथौड़ा लेकर भवन तोड़ने पहुंच जाता है, जबकि जरूरत ऐसे सिस्टम को डेवलप करने की है जिसमें अवैध निर्माण हो ही ना सके।