काशी की कुश्ती को मिलेगी संजीवनी


वाराणसी(काशीवार्ता)। कुश्ती और बनारस का संबंध बहुत पुराना है। गंगा जी के हर घाट पर पहले अखाड़ा हुआ करता था। यहां पर पहले आदमी अखाड़ा पर कुश्ती लड़ता था फिर गंगा में स्नान कर बाबा विश्वनाथ का दर्शन करता था। काला जंग, धोबिया पाट,चपरास,भरबाँह दांव जो गंगा तीरे के कुश्ती खिलाड़ियों की प्राकृतिक कला, इस मिट्टी और क्षेत्र के कारण इसमें माहिर होते गए, अब धीरे-धीरे यह लुप्त हो रहा। उसके विकास के लिए भारतीय कुश्ती महा संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने बनारस के अखाड़ों को राष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए वाराणसी कुश्ती संघ के पदाधिकारियों को निर्देश दिया। शनिवार को झांसी गांव में हुईं बैठक में पूर्वांचल के पहलवानों एवं कुश्ती की प्रगति, राष्टÑीय चैंपियनशिप कैसे होगी, इस पर भी चर्चा की गई। इस अवसर पर भारतीय कुश्ती संघ के संयुक्त सचिव संजय सिंह ‘बबलू’ एवं वाराणसी कुश्ती संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजीव सिंह ‘रानू’ ने श्री राम मंदिर का मॉडल स्वरूप स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत किया। इस दौरान पर डा.धनंजय सिंह, दीपक सिंह,अतुल रघुवंशी,प्रशांत सिंह आदि उपस्थित थे।