कुशवाहा समाज में पांव जमाने में सफल रहे राजेश


गाजीपुर (काशीवार्ता)। जिले की सभी विधानसभाआें में निर्णायक वोटों में तब्दील हो चुके कुशवाहा समाज में सपा के प्रदेश सचिव मनोनीत किए गए राजेश कुशवाहा अपनी जमीनी पकड़ बनाने में सफल रहे। यही वजह रही कि पूर्वांचल में कुशवाहा वोटों को सहेजने की जिम्मेदारी अखिलेश ने राजेश के कंधों पर सौंपी है। प्रदेश सचिव बनने के बाद भी जहां राजेश पूर्वांचल के साथ ही जिले के कुशवाहा समाज को सपा के पाले में कराने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्हें आज भी कुशवाहा समाज अपना नेता मानता है। यही कारण है कि अखिलेश के साथ ही सपा में उनका खूब सम्मान भी हुआ।
1989 में मछली चुनाव चिंह पर निर्दल उम्मीदवार के रूप में सांसद बने जगदीश कुशवाहा ने अपने समाज के लोगों को खूब सम्मान दिया। उनके हक की लड़ाई लड़ी। यही कारण रहा कि उन्हें कुशवाहा समाज हाथों हाथ अपनाता रहा। वकालत की पढ़ाई करने के बाद उनके बेटे एवं एमजेआरपी पब्लिक स्कूल के संचालक राजेश कुशवाहा ने सपा की सियासत शुरू की। उनकी मेहनत और लगन के कारण ही सपा ने उन्हें जिलाध्यक्ष की भी जिम्मेदारी सौंपी। यही नहीं उन्हें 2017 में सदर सीट से उम्मीदवार बनाया गया। भाजपा लहर के बाद भी वह 60 हजार वोट पाने में सफल रहे और दूसरे स्थान पर रहे। सपा जब विपक्ष में आई तो राजेश ने खूब संघर्ष किया। यही संघर्ष उनका अखिलेश को पसंद आया और उन्हें सपा की मेन बाडी में प्रदेश सचिव पिछले माह मनोनीत किया गया। स्वागत से अभिभूत राजेश ने कहा कि हमारा समाज इस बार अखिलेश को सीएम बनाने के लिए दृढ़संकल्पित है। पूरे प्रदेश में भाजपा के खिलाफ बयार बह रही है। जिले में कुशवाहा समाज के जातिगत आकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो जहूराबाद में कुशवाहा 25 हजार, जंगीपुर में 35 हजार, सदर में 25 हजार, मुहम्मदाबाद में 35 हजार, जमानियां 55 हजार, सैदपुर में 20 हजार और जखनियां विधानसभा में 15 हजार कुशवाहा वोट किसी भी पार्टी का सियासी गणित बैठे बैठे बिगाड़ने में सक्षम हैं। इस पर राजेश कहते हैं कि अगली सरकार सपा की बनेगी और कुशवाहा समाज बदलाव के लिए बेचैन है। इस सरकार ने कुशवाहा समाज के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी ने सदर से लड़ाया तो इस बार जीत कर सदर की सीट अखिलेश की झोली में डाल दूंगा। उधर सियासी पंडित कहते हैं कि पूर्व विधायक उमाशंकर कुशवाहा के बार बार पार्टी बदलने से उनकी पकड़ अपने समाज में पहले से कम होने के कारण ही राजेश आज जिले में सर्वमान्य नेता के रूप में स्थापित हुए हैं।