लीवर पर चोट कर रहा रहस्यमयी बुखार


आलोक श्रीवास्तव
वाराणसी (काशीवार्ता)। बदलते मौसम में डेंगू व वायरल बुखार का वायरस रहस्यमयी नजर आ रहा है और कोरोना की तरह ही लोगों पर वार कर रहा है। वायरल बुखार सीधे लीवर पर वार कर रहा है। स्थिति यह हो गई है कि लगभग प्रत्येक घरों में वायरल जनित बुखार या डेंगू फीवर का प्रकोप दिखाई दे रहा है। काशीवार्ता ने वेक्टर वार्न डिजीज व कोरोना के लक्षणों के सम्बंध में आप का स्वास्थ्य के संपादक व काशी मेडिकेयर के निदेशक डॉ.मनोज कुमार श्रीवास्तव से इस सम्बंध में बात की तो उनका कहना था कि अभी हम लोग कोरोना महामारी से जूझ ही रहे थे, तब तक मच्छर जनित रोग ने पूरे शहर में पैर फैला लिया। वेक्टर वार्न डिजीज व कोविड-19 के लक्षण में समानता दिखाई दे रही है। इसीलिए इसे रहस्यमयी बुखार कहा जा रहा है। डॉ. मनोज ने कहा कि कोविड के मरीजों को तेज बुखार, जुकाम, खांसी, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान लगना जैसे लक्षण पाये जाते हैं। कहा कि लगभग यही लक्षण आज कल वायरल फीवर, डेंगू, चीकनगुनिया, व जीका वायरस मे भी देखने को मिल रहे है। वायरल फीवर के दौरान लगभग सभी मरीजों में प्लेटलेट कम होना पाया जाता है। परन्तु इस समय वायरल फीवर में वायरल हेपेटाइटिस यानि एसजीपीटी बढ़ा हुआ मिल रहा है तथा बुखार 5 से 6 दिन तक बना रहता है।
इस बीमारी में पैरासिटामाल से मरीजों को भी बहुत लाभ नहीं हो रहा है। इसलिए सिर पर ठण्डी पट्टी करते रहने की आवश्यकता है। कहा कि लगभग प्रत्येक मरीज में प्लेटलेट् व लीवर इन्जाईम यानि एसजीपीटी बढ़ा हुआ मिल रहा है और मरीज को बुखार उतरने के बाद भी लगभग एक सप्ताह तक उल्टी मिचली की शिकायत बनी रह रही है।
कैसे करें बचाव


डॉ. मनोज कुमार श्रीवास्तव बुखार आने पर सिर पर पट्टी रखें। चिकित्सक की सलाह पर पैरासिटामाल के साथ वायरल हीपेटाइटिस की भी दवा लें। तरल पदार्थ का सेवन ज्यादा करें,नारियल पानी, वेजिटेबल सूप, सिकंजी का सेवन करने से फायदा होता है। कहा कि इस दौरान अपने रक्तचाप की जाँच करते रहे लो ब्लडप्रेशर व यूरिन कम होने पर अपने चिकित्सक से तत्काल संपर्क करें।ंं