लोन मोरेटोरियमः केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल किया एफ़िडेविट


लोन मोरेटोरियम मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक विस्तृत एफ़िडेविट दायर कर कहा है कि 1 मार्च से 31 अगस्त 2020 तक की अवधि के लिए तयशुदा लोन खातों वाले बौरोअर्स (कर्ज़दार) ब्याज में छूट ले सकते हैं.

यह फै़सला वित्त मंत्रालय ने लिया है और इसे 21 अक्तूबर को हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई है.

केंद्र ने कहा है कि ब्याज में छूट की स्कीम ऐसे लोगों पर लागू होगी जिन्होंने मोरेटोरियम स्कीम की सुविधा नहीं ली थी और जो लगातार अपने लोन की किस्त चुकाते रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट 2 नवंबर को लोन के ब्याज पर ब्याज से छूट देने के निर्देश की मांग करने वाली याचिकाओं की सुनवाई करेगा.

वित्त मंत्रालय के ज़रिए केंद्र के दाखिल किए गए एफ़िडेविट से लोन लेने वालों के एक बड़े तबके को राहत मिली है.

एफ़िडेविट में कहा गया है कि कंपाउंड इंटरेस्ट और सिंपल इंटरेस्ट के बीच के अंतर को 5 नवंबर को लोन लेने वालों के खातों में जमा किया जाएगा. इसका फ़ायदा 1 मार्च से 31 अगस्त 2020 की अवधि के लिए मिलेगा.

स्कीम के तहत सभी बैंक और दूसरे वित्तीय संस्थान कंपाउंड इंटरेस्ट और सिंपल इंटरेस्ट के बीच के अंतर को योग्य कर्जदारों के खातों में जमा कराएंगे.

यह कहा गया है कि यह फ़ैसला बेहद सोच विचारकर लिया गया है. इसमें आर्थिक परिस्थिति, कर्जदारों की प्रकृति, अर्थव्यवस्था पर असर जैसे फैक्टर्स को ध्यान में रखा गया है.

चीन पर बोले राजनाथ सिंह, विवाद ख़त्म करना चाहते हैं पर एक इंच ज़मीन नहीं देंगे

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि ‘भारत चीन के साथ पूर्वी-लद्दाख में अपने सीमा विवाद को समाप्त करना चाहता है’, पर इसके साथ ही उन्होंने ज़ोर देकर ये बात भी कही कि ‘भारतीय सैनिक अपने देश की एक इंच ज़मीन भी किसी दूसरे देश के हाथों में नहीं जाने देंगे.’

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को दशहरे के अवसर पर पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग ज़िले में हुई ‘शस्त्र पूजा’ के दौरान यह बात कही. दार्जिलिंग स्थित भारतीय फ़ौज के 33वें कॉर्प मुख्यालय पर इस पूजा का आयोजन किया गया था.

राजनाथ सिंह दशहरा पर पिछले कई साल से शस्त्र-पूजा कर रहे हैं. उन्होंने राजग की पिछली सरकार के कार्यकाल में गृह मंत्री रहने के दौरान भी यह पूजा की थी.

रविवार को पूजा समाप्त होने के बाद राजनाथ सिंह ने प्रेस से बात करते हुए कहा, “हम चीन के साथ सीमा विवाद समाप्त करना चाहते हैं और शांति स्थापित करना चाहते हैं. स्पष्ट रूप से हमारा यही मक़सद है. लेकिन थोड़े-थोड़े समय बाद कुटिल घटनाएं हो जाती हैं और तनाव जारी रहता है. मुझे विश्वास है कि हमारे सैनिक भारत की ज़मीन का एक इंच भी किसी दूसरे देश के हाथों में नहीं जाने देंगे.”

सैन्य अधिकारियों ने बताया कि राजनाथ सिंह को सिक्किम में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास ऊंचाई वाले सीमावर्ती इलाक़े शेरथांग में पूजा करने जाना था, लेकिन ख़राब मौसम की वजह से वे वहाँ नहीं जा सके.

शस्त्र-पूजा के अवसर पर भारतीय फ़ौज के प्रमुख जनरल एमएम नरवणे तथा सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. शस्त्र पूजा के बाद अपना भाषण समाप्त करके रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ़्रेंस के ज़रिये सिक्किम में एक नई सड़क का उद्घाटन भी किया.

उन्होंने कहा, “मैं पूरे विश्वास से और पुख्ता सूचनाओं के हवाले से यह कह सकता हूँ कि भारत-चीन तनाव के दौरान पूर्वी-लद्दाख सीमा पर भारतीय सैनिकों ने जिस शौर्य और दिलेरी का प्रदर्शन किया, उसे इतिहासकारों द्वारा स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जायेगा.

जवानों के एक समूह को शनिवार शाम को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा था कि ‘भारत ने हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाये रखने का प्रयास किया है, लेकिन समय-समय पर ऐसे हालात पैदा हुए जब देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए उसके सशस्त्र बलों को सर्वोच्च बलिदान देना पड़ा.’

पूर्वी-लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ संघर्ष के दौरान 15 जून 2020 को भारत के 20 सैनिकों की मौत हो गई थी जिसके बाद से दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव बना हुआ है.

भारतीय अधिकारियों ने दावा किया था कि गलवान घाटी में चीन को भी काफ़ी नुकसान पहुँचा था. लेकिन चीन ने आज तक आधिकारिक रूप से यह नहीं बताया कि गलवान घाटी में उसके कितने सैनिक मारे गये थे.

मध्य प्रदेश उप-चुनाव से पहले कांग्रेस विधायक राहुल लोधी भाजपा में शामिल

मध्य प्रदेश कांग्रेस के विधायक राहुल लोधी ने रविवार को अपनी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा देकर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है.

लोधी ने यह निर्णय ऐसे समय में लिया है जब 3 नवंबर को प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव होने वाले हैं.

राहुल लोधी को मिलाकर, इस साल मार्च से लेकर अब तक कांग्रेस पार्टी के कुल 26 विधायक पार्टी से इस्तीफ़ा दे चुके हैं.

मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने बताया कि “राहुल लोधी ने अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है जिसे रविवार को स्वीकार कर लिया गया है.”

उन्होंने बताया, “राहुल लोधी ने शुक्रवार को अपना इस्तीफ़ा दिया था, लेकिन मैंने उन्हें विचार करने के लिए दो दिन दिये थे. मगर शनिवार देर रात उनका फ़ोन आया कि वे अपने निर्णय को लेकर पक्के हैं और चाहते हैं कि उनका इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया जाये, तो रविवार को उनका इस्तीफ़ा मंज़ूर कर लिया गया.”

रामेश्वर शर्मा द्वारा सूचना दिये जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने बताया कि राहुल लोधी ने उनकी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है.

राहुल लोधी को प्रदेश के दमोह विधानसभा क्षेत्र से चुनकर मध्य प्रदेश विधानसभा में भेजा गया था.

लोधी के इस्तीफ़े के बाद एक और कांग्रेस विधायक के पार्टी छोड़कर जाने का अफ़वाह है.

लोधी के पार्टी छोड़ने के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या घटकर 87 रह गई है.

जबकि 230 सदस्यों के सदन में भारतीय जनता पार्टी के पास अब 107 विधायक हैं. यानी बीजेपी बहुमत के जादूई आंकड़े से महज़ 9 सीट पीछे है.

जिन 28 सीटों पर 3 नवंबर को उप-चुनाव होने वाले हैं, उनमें से 25 सीटें कांग्रेस पार्टी के विधायकों के कमलनाथ सरकार से बग़ावत करने के बाद खाली हुई थीं. कमलनाथ की सरकार गिराने के बाद ये विधायक भाजपा में शामिल हो गये थे.

इनमें से अधिकांश विधायकों को कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जा चुके नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का क़रीबी माना जाता है.

दिवाली से पहले पीएम मोदी का संदेश, सैनिकों के लिए दिये जलाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में रविवार को लोगों को संबोधित किया.

उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत लोगों को दशहरे की बधाई देकर की. प्रधानमंत्री ने कहा कि दशहरा असत्य पर सत्य की जीत का पर्व तो है ही, साथ ही संकटों पर जीत का उत्सव भी है.

उन्होंने कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए त्योहारों में खरीदारी से लेकर उत्सव मनाने तक में संयम बरतने की सलाह दी.

पीएम मोदी ने कहा, ”पहले दुर्गा पंडाल में मां के दर्शनों के लिए कितनी भीड़ जुट जाती थी, मेले जैसा माहौल लगता था लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाया. दशहरे पर भी बड़े-बड़े मेले लगते थे, लेकिन इस बार उनका स्वरूप भी अलग है. आगे और भी आयोजन आने वाले हैं, ईद, धनतरस, भाईदूज, छठी मईया की पूजा और गुरूनानक जयंती है. कोरोना के संकटकाल में हमें संयम के साथ रहना है.”

प्रधानमंत्री ने रेडियो कार्यक्रम के ज़रिए घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने पर एक बार फिर ज़ोर दिया.

उन्होंने कहा, ”त्योहार में बाज़ार जाना होता है, बच्चों में उत्साह रहता है. लेकिन, इस बार जब आप खरीदारी करने जाएं तो वोकल फ़ॉर लोकल का संकल्प ज़रूर याद रखें. स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देनी है.”

‘रोज़मर्रा की ज़िदगी के नायकों को न भूलें’

पीएम मोदी ने लॉकडाउन जैसे कठिन समय में अपनी सेवाएं प्रदान करने वाले ‘डेली लाइफ़ हीरोज़’ यानी आम ज़िंदगी में हीरो की भूमिका निभाने वालों को नहीं भूलना चाहिए.

उन्होंने कहा, ”त्योहार की खुशियों के बीच लॉकडाउन के समय को भी याद करना चाहिए. लॉकडाउन में हमने, समाज के उन साथियों को और करीब से जाना है, जिनके बिना, हमारा जीवन बहुत ही मुश्किल हो जाता. जैसे सफाई कर्मचारी, घर में काम करने वाले भाई-बहन, स्थानीय सब्ज़ी वाले, दूध वाले, सिक्योरिटी गार्ड. ये कठिन समय में आपके साथ थे तो खुशियों में भी आप इनके साथ रहें.”

पीएम मोदी ने कहा, “साथियों, हमें अपने उन जाबांज़ सैनिकों को भी याद रखना है, जो इन त्योहारों में भी सीमाओं पर डटे हैं. हमें उनको याद करके ही अपने त्योहार मनाने हैं. हमें घर में एक दीया भारत माता के इन वीर बेटे-बेटियों के सम्मान में भी जलाना है.”

वोकल फ़ॉर लोकल

पीएम मोदी ने स्थानीय उत्पादों पर ज़ोर देते हुए कहा, “आज जब हम लोकल के लिए वोकल हो रहे हैं तो दुनिया भी हमारे स्थानीय उत्पादों की फैन हो रही है. हमारे कई स्थानीय उत्पादों में वैश्विक होने की बहुत बड़ी शक्ति है.”

उन्होंने खादी पर ज़ोर देते हुए कहा कि खादी आज फैशन स्टेटमेंट बन गया है. स्वास्थ्य दृष्टि से ये शरीर के लिए आरामदायक फैब्रिक है. खादी की लोकप्रियता तो बढ़ ही रही है. साथ ही दुनिया में कई जगह खादी बनाई भी जा रही है.

“मेक्सिको में एक जगह है ‘ओहाका (Oaxaca)’. इस इलाक़े में कई गांव ऐसे हैं, जहां स्थानीय ग्रामीण, खादी बुनने का काम करते हैं. आज यहां की खादी ‘ओहाका खादी’ के नाम से प्रसिद्ध हो चुकी है. देशभर में कई जगह स्वयं सहायता समूह और दूसरी संस्थाएं खादी के मास्क बना रहे हैं.”

उन्होंने खादी मास्क बनाने वाले बाराबंकी के एक स्वयं सहायता समूह का ज़िक्र किया कि कैसे इसमें काम करने वालीं एक महिला सुमन देवी ने महिलाओं के साथ इसकी शुरुआत की.

उन्होंने कहा, जब हमें अपनी चीजों पर गर्व होता है, तो दुनिया में भी उनके प्रति जिज्ञासा बढ़ती है. जैसे हमारे आध्यात्म, योग, आयुर्वेद ने पूरी दुनिया को आकर्षित किया है. हमारे कई खेल भी दुनिया को आकर्षित कर रहे हैं.”

पीएम मोदी ने भारतीयों खेलों का भी ज़िक्र किया. उन्होंने कहा कि “आजकल, हमारा मल्लखम्ब भी अनेकों देशों में प्रचलित हो रहा है. अमरीका में चिन्मय पाटणकर और प्रज्ञा पाटणकर ने जब अपने घर से ही मलखम्ब सिखाना शुरू किया था, तो उन्हें भी अंदाजा नहीं था कि इसे इतनी सफलता मिलेगी. अब तो इसकी विश्व प्रतियोगिता शुरू की गई है, जिसमें कई देशों के प्रतिभागी हिस्सा लेते हैं.”

“साथियों, हमारे देश मे कितनी ही मार्शल आर्ट्स हैं. मैं चाहूंगा कि हमारे युवा-साथी इनके बारे में भी जाने, इन्हें सीखें और समय के हिसाब से नवोन्मेष भी करें. जब जीवन मे बड़ी चुनौतियां नहीं होती हैं, तो व्यक्तित्व का सर्वश्रेष्ठ भी बाहर निकल कर नहीं आता है. इसलिए अपने आप को हमेशा चुनौती देते रहें.”

सलून में बनाई लाइब्रेरी

उन्होंने तमिलनाडु में रहने वाले पोन मरियप्पन का ज़िक्र किया जो अपना सलून चलाते हैं और उन्होंने सलून के एक हिस्से में लाइब्रेरी भी बनाई है.

इसके ज़रिए पीएम मोदी ने लाइब्रेरी के महत्व पर ज़ोर दिया. उन्होंने मध्य प्रदेश में मोबाइल लाइब्रेरी चलाने वाली शिक्षिका उषा दुबे, अरुणाचल प्रदेश की स्वयं सहायता लाइब्रेरी और चंडीगढ़ की मिनी वैन लाइब्रेरी के बारे में भी बताया.

इसके बाद पीएम मोदी ने पूर्व गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती 31 अक्टूबर को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ मानने की बात कही.

उन्होंने कहा, “सरदार पटेल ने अपना पूरा जीवन देश की एकजुटता के लिए समर्पित कर दिया.

बापू ने सरदार पटेल के बारे में कहा था कि उनकी विनोदपूर्ण बातें मुझे इतना हंसाती थी कि हंसते-हंसते पेट में बल पड़ जाते थे. इसलिए परिस्थितियां कितनी भी विषम क्यों न हो, अपने सेंस ऑफ ह्यूमर को ज़िंदा रखिये. यह हमें सहज तो रखेगा ही और हम अपनी समस्या का समाधान भी निकाल पायेंगे.”

उन्होंने 31 अक्टूबर को आने वाली ‘वाल्मीकि जयंती’ के लिए भी देशवासियों को शुभकामनाएं दीं.